इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शरजील इमाम को दी जमानत, कहा- उसके भाषण में न हथियार उठाने की बात हुई न हिंसा की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शरजील इमाम को राजद्रोह के एक मामले में जमानत दे दी।

शनिवार को कोर्ट ने जमानत देते हुए साफ कहा कि, ”अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शरजील इमाम के भाषण ने ना तो किसी को हथियार उठाने का आह्वान किया और न ही उनके भाषण से कोई हिंसा भड़की।”

न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने शरजील को ये जमानत 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर दी।

ये मामला 16 जनवरी, 2020 का है। सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में शरजील इमाम ने एक भाषण दिया था।

जिसके बाद अलीगढ़ जिले के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में शरजील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना)

153बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रही दावे) और 505(2) के तहत कुल चार मामले दर्ज किए गए थे।

18 सितंबर, 2020 को शरजील इमाम को जेल हुई थी। वो अभी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं।

बता दें कि बिहार के जहानाबाद के काको गांव निवासी शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है। फिलहाल दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं।

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