पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा रही वायु सेवा की विंग कमांडर निकिता पांडेय को सुप्रीम कोर्ट बड़ी जीत मिली मिली है. जिस कारण उनकी की हर तरफ चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि पिछले दिनों विंग कमांडर निकिता पांडेय ने सरकार की फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई है.
आपको बता दें कि निकिता पांडेय ने स्थायी कमीशन नहीं देने और सेवामुक्त करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा रही विंग कमांडर ने सेवा के 14 साल पूरे होने पर स्थाई कमीशन न मिलने के लेकर पद से मुक्त किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
उनकी इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके मेमन सिंह ने की थी. विंग कमांडर निकिता पांडेय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को तय किया है. तब विंग कमांडर को पद पर बनाए रखने का आदेश दिया हुआ. सुप्रीम कोर्ट का फैसला विंग कमांडर के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है.
वे विंग कमांडर निकिता पांडेय को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया आई.
विनीत कुमार तिवारी नाम के एक ट्विटर हैंडल्स में सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए लिखा, “बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर मे अहम भूमिका निभाने वाली विंग कमांडर निकिता पांडेय को अपनी प्रतिभा और देशभक्ति साबित करने के लिए लेना पड़ा सर्वोच्च न्यायालय का सहारा. माo मोदी जी आपकी रगों में बहनो का उजड़ा हुआ जो सिंदूर दौड़ रहा देश की इस बेटी ने उन आतंकियों का खून बहाया है.”
पंकज तिवारी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “दोगली सरकार का यही है दोहरा चरित्र ! ऑपरेशन सिंदूर और बालाकोट में अहम भूमिका निभाने वाली विंग कमांडर निकिता पांडेय को 14 साल की नौकरी के बाद भी इस निकम्मी सरकार ने स्थायी कमीशन नहीं दिया और सेवामुक्त कर दिया ! सुप्रीम कोर्ट ने आज उनकी सेवा मुक्ति पर रोक लगायी है!”