बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और सरकार पर हमलावर है. विपक्ष लगातार सड़क से लेकर संसद तक इसका विरोध कर रहा है. SIR की प्रक्रिया को पूरा करने की आखिरी तारीख 25 जुलाई है. विपक्षी पार्टियां लगातार बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में धांधली किए जाने की संभावना जता रहा है.
इसी बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव के बॉयकॉट के संकेत दिए हैं. मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने, “चुनाव बॉयकॉट की भी चर्चा हो सकती है. हम लोग इसको देख सकते हैं कि जनता क्या चाहती है और सब लोगों का क्या विचार है. जब आप बेईमानी से सब कुछ आपने तय कर लिया है कि किसको कितनी सीट देनी है तो चुनाव ही मत कराओ. हम लोग चुनाव बॉयकॉट पर विचार कर सकते हैं”
नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में भी SIR की बात रखी. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लोगों की नागरिकता तय करने का काम कर रहा है जो कि भारत सरकार का है. यह ठीक नहीं है.
अगर किसी भी लोकतांत्रिक देश में वहां का विपक्ष चुनाव बहिष्कार की बात करता है तो यह निश्चित ही चिंता का विषय है. इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास डगमगा सकता है. इस मामले में चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
तेजस्वी यादव द्वारा बिहार चुनाव में बॉयकॉट के संकेत की सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है.
पत्रकार दिनेश डांगी ने इस मुद्दे पर एक्स पर लिखा, “बिहार बुद्धिमान और बुद्धिजीवी लोगों की सरजमीं है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में अगर विपक्ष चुनाव बॉयकॉट की बात कर रहा है तो संकेत सुखद नहीं कहे जा सकते.”