ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बौखलाए पाकिस्तान ने सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में अंधाधुंध गोलीबारी करके कई परिवारों को तबाह कर दिया. पाकिस्तान की कायरतापूर्ण गोलाबारी में कई बच्चों ने अपने माता-पिता या परिवार के कमाने वाले सदस्य को खो दिया था. देश के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अब इन अनाथ बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए 22 अनाथ बच्चों को गोद लिया है. राहुल गांधी इन 22 बच्चों की शिक्षा और जरूरी देखभाल का पूरा खर्च उठाएंगे.
आपको बता दें कि मई 2025 में पुंछ जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा (LOC) के पास भारी गोलाबारी के कारण कई बच्चे अनाथ हो गए थे. जिसके बाद राहुल गांधी ने पुंछ का दौरा किया था और गोलीबारी के कारण हताहत परिवारों से मुलाकात की थी और उन्होंने वादा किया कि वे इन अनाथ बच्चों की मदद करेंगे. राहुल गांधी ने अपने इस वादे को पूरा करते हुए उन बच्चों को गोद ले लिया है.
इन 22 बच्चों की स्कूल-कॉलेज की फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी चीजों का खर्च राहुल गांधी की ओर किया जाएगा. राहुल गांधी की ओर से इन सभी बच्चों स्नातक पूरा करने तक दी जाएगी. 29 जुलाई 2025 को इन बच्चों के मदद की पहली किस्त जारी इन बच्चों के लिए जारी की गई.
राहुल गांधी के इस कदम के बाद उनकी सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है. कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कहते हैं कि ‘नेकी कर, दरिया में डाल’ और राजनीति में ये सिर्फ़ राहुल गांधी कर सकते हैं. निर्भया के परिवार को संभालने से लेकर, दशरथ मांझी का बिना बताए घर बनवाने तक, और अब पुंछ में 22 बच्चों को गोद लेना! राहुल जी के लाख ना चाहने पर भी, ये ख़बरें कहीं न कहीं से बाहर आ ही जाती हैं. चार कंबल बांट कर चालीस फ़ोटो डाल कर सोशल मीडिया पर ढिंढोरा पीटने वाले शायद कभी समझ ही नहीं पाएंगे कि ये नेता ‘मोहब्बत वाला’ है, कैमरा वाला नहीं!
https://x.com/SupriyaShrinate/status/1950059259166609749
वहीं पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए एक्स पर लिखा, “नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में अपने परिवारों को खोने वाले 22 बच्चों की ज़िम्मेदारी उठा रहे हैं. इससे पहले हमने राहुल गांधी को निर्भया के परिवार समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की मदद करते हुए देखा है. माझी परिवार की कहानी पिछले दिनों हमारे सामने आई है. निर्भया मामले में तो इस बात की ख़बर तब मिली जब निर्भया की माँ ने सामने आकर इसकी जानकारी दी. यह राजनीति का बुनियादी काम है, जो राहुल गांधी निरंतरता, सौम्यता से कर रहे हैं. काश, भारत के प्रधानमंत्री भी नागरिकों के प्रति इसी संवेदनशीलता से पेश आते। अनंत विदेशी दौरों के भ्रमण से थोड़ा सा वक़्त अपने देश के लिए भी निकालते.