उत्तर भारत में लगातार कई दिनों से जारी बारिश से लोग बेहाल है. लगातार भारी के कारण कई नदियां उफान पर हैं. लगातार बारिश के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत का पंजाब राज्य है. लगातार बारिश और बाढ़ के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ पलायन करना पड़ रहा है. पंजाब में लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है. पंजाब की सतलुज नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
स्कूलों कॉलेजों को बंद करने के गए आदेश
पंजाब सरकार ने 7 सितंबर तक पंजाब में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के आदेश दिए हैं. पंजाब सरकार ने 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित किया है. साथ ही सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है.
बाढ़ से लाखों एकड़ फसल बर्बाद
पंजाब में आई बाढ़ से के कारण किसानों की तकरीबन 3.75 लाख एकड़ फसल पानी में डूबने के कारण बर्बाद हो गई है. इसके अलावा हजारों मवेशी बाढ़ में डूबने के कारण मारे जा चुके हैं. पंजाब में बाढ़ इतनी भयावह है कि सरकार लोगों को 1988 में आई बाढ़ की त्रासदी याद आने लगी है.
30 से अधिक लोगों की मौत
वहीं इस पंजाब में आई बाढ़ के कारण कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है. 3 लाख 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
आने वाले दिनों में बिगड़ सकते हैं हालात
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में बारिश के कारण पंजाब में बाढ़ की स्थिति और भयावह हो सकती है. जिसके कारण पंजाब के लोग डर के साये में जी रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में आई भयावह बाढ़ के 1500 करोड़ से अधिक नुकसान हो चुका है.