देश में दलितों के उत्पीड़न में साल-दर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है. रोजाना देश के किसी न किसी कोने में किसी दलित और आदिवासी के साथ अत्याचार की घटनाएं सामने आती रहती हैं. हालिया घटनाओं में सबसे चर्चित घटना उड़ीसा से सामने आई थी. जहां दो दलितों को गौ तस्करी के आरोप में बुरी तरह पीटा गया और उनका सिर मुंडवा कर उन्हें घुटनों के बल रेंगने, घास खाने और नाले का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हुआ था.
देश में दलित उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने वृहस्पतिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की है. जिसमें दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेन्द्र पाल गौतम ने दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार पर प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
राजेन्द्र पाल ने कहा, “देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. खासकर BJP शासित राज्यों में बुरा हाल है और इन घटनाओं पर सरकार का रवैया बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना नजर आता है. यह घटनाएं इतनी शर्मनाक हैं कि पूरे देश को शर्मसार करती हैं और दुनिया के सामने देश की इज्जत पर चोट पहुंचती है. सरकार ने खुद संसद में SC/ST के खिलाफ अपराध की घटनाएं बताई हैं.”
उन्होंने बीजेपी शासित राज्य हरियाणा में दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “हरियाणा के अंदर 2017 में 762 उत्पीड़न की घटनाएं हुईं, जो बढ़कर 2021 तक 1,628 हो गई. मध्य प्रदेश में 5,892 घटनाएं एक साल में बढ़कर 7,214 तक पहुंच गई है. महाराष्ट्र में 1,689 घटनाएं एक साल में बढ़कर 2,503 हो गई. उड़ीसा में 1,669 घटनाएं एक साल में बढ़कर 2,327 हो गई. राजस्थान में 4,238 घटनाएं एक साल में बढ़कर 7,224 हो गई. उत्तर प्रदेश में 11,444 घटनाएं एक साल में बढ़कर 13,144 हो गई. उत्तराखंड में 96 का आंकड़ा एक साल में बढ़कर 130 हो गया है .
उन्होंने दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार के रवैया पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि “ऐसी घटनाओं के बावजूद सरकार का रवैया शर्मनाक है. 2018-2021 के बीच का आंकड़ा देखें तो SC/ST के खिलाफ अपराध की घटनाओं में करीब 10% का इजाफा हुआ है.”
राजेन्द्र पाल ने हाल ही में देश में हुई दलितों की उत्पीड़न पर का जिक्र किया. उन्होंने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दलित युवक को पेशाब पिलाने, उड़ीसा में गौ तस्करी के आरोप में दो लोगों के बाल छील कर घुटने के बल पर चलने के लिए मजबूर करने जैसी घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने NCRB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 2018-2022 के बीच SC/ST के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं में 35% की बढ़ोतरी होने का दावा किया. जिसमें 26 प्रतिशत मामले सिर्फ यूपी के हैं.