सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने उद्योगपति अदाणी से संबंधित 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट्स को हटाने का आदेश दिया है. सरकार ने यह आदेश अदाणी एंटरप्राइजेज की मानहानि वाली याचिका पर दिल्ली कोर्ट के एक फैसले पर आधारित है. सरकार ने 12 समाचार संस्थानों और कई स्वतंत्र पत्रकारों और क्रिएटर्स को वीडियो हटाने का नोटिस भेजा गया है. जिसमें न्यूज़लॉन्ड्री, द वायर जैसे मीडिया हाउस और रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, अजीत अंजुम, ध्रुव राठी और आकाश बनर्जी जैसे पत्रकार और क्रिएटर्स के वीडियो शामिल हैं.
कोर्ट के आदेश का दिया हवाला?
आपको बता दें कि कुछ महीने पहले अदाणी ग्रुप की तरफ से दिल्ली कोर्ट में एक केस दायर कर कुछ पत्रकारों, मीडिया हाउस और यूट्यूबर्स पर अदाणी ग्रुप को बदनाम करने का आरोप लगाया. जिसके बाद कोर्ट ने 36 घंटे के अंदर अदाणी से जुड़े वीडियोज को हटाने का आदेश दिया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसी आदेश का हवाला देते हुए पत्रकारों को नोटिस भेजा है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा भेजी गई नोटिस के बाद से इसकी जमकर आलोचना हो रही है. कांग्रेस ने सरकार के इस आदेश की आलोचना की है. पत्रकारों ने इसे प्रेस की आजादी के खिलाफ बताया है. इस फैसले की जमकर आलोचना की.
कांग्रेस ने अदाणी से जुड़ी वीडियो हटाने के आदेश पर एक्स पर लिखा, “देश में ‘अदाणी’ का नाम लेना अपराध हो गया है. जैसे ही कुछ मीडिया और यूट्यूब चैनलों ने अडानी के भ्रष्टाचार का खुलासा करना शुरू किया मोदी सरकार ने फरमान जारी कर ऐसे वीडियो हटाने का आदेश दे दिया, जिनमें ‘अडानी’ का नाम है. मोदी अपने ‘दोस्त’ के लिए लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं.”
सरकार द्वारा दिए गया बैन कर आदेश पर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुझे भी यू ट्यूब ने सूचना भेजी है कि अदाणी पर बने वीडियो ख़ुद हटा लूं या फिर वह हटा देगा. सूचना मंत्रालय ने कई लोगों और संस्थाओं को नोटिस जारी किया है. इनमें न्यूज़लॉन्ड्री, द वायर सहित ध्रुव राठी, अभिसार, अजीत अंजुम, आकाश बनर्जी के वीडियो के भी लिंक हैं. कुल 138 वीडियो हटाए जाने हैं. इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किए गए वीडियो हटाने होंगे.आज अदाणी वीडियो टेक डाउन दिवस है.
उन्होंने आगे कहा, “अगर कोई यूट्यूबर इसी पर वीडियो बनाए कि अदाणी पर बने 138 वीडियो टेक डाउन करने के आदेश दिए गए हैं तो क्या उसके वीडियो को भी टेक डाउन किया जाएगा. टेक डाउन का मतलब होता है वीडियो डिलीट करना.”
https://x.com/ravish_journo/status/1968122539466531319?s=19
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने वीडियो डिलीट करने आदेश पर कहा कि अदाणी का नाम लेना गुनाह हो गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “दिल्ली की एक अदालत के आदेश के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय और यूट्यूब की तरफ से मुझे 24 वीडियो को डिलीट करने का फरमान आया है. अडानी के जिन वीडियो को हटाने के मुझे निर्देश मिले हैं, उनमें प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा, सुचेता दलाल और सुब्रमण्यम स्वामी के इंटरव्यू भी शामिल हैं. कुछ वीडियो में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भाषण के हिस्से हैं. सुप्रिया श्रीनेत की पीसी है. इंडियन एक्सप्रेस और कुछ अखबारों की रिपोर्ट के हवाले से बनाए गए वीडियो हैं. ऐसा लग रहा है जैसे अडानी का नाम जिस भी वीडियो में लिया गया है, उन सबको हटाने का फरमान है. हमारा पक्ष न तो सुना गया. न ही हम किसी मुकदमे में पार्टी हैं. बस फरमान है कि अडानी का जहां भी नाम लिया गया, सबको हटा दो .
द वायर और न्यूज़लॉन्ड्री समेत रवीश कुमार ध्रुव राठी, अभिसार शर्मा, आकाश बनर्जी समेत कई और लोगों को ये फरमान मिला है.”
https://x.com/ajitanjum/status/1968189999016268172?s=19
पत्रकार अभिसार शर्मा ने वीडियो हटाने के आदेश पर लिखा, “अदाणी समूह द्वारा मेरे खिलाफ उस शो में दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे के बाद जहाँ असम सरकार ने धारा 152, 196 और 197 के तहत मुकदमा दायर किया है. मुझे यूट्यूब से एक अदालती आदेश के आधार पर वीडियो हटाने का मेल मिला है. इसमें मेरे, ध्रुव, रवीश, आकाश, अजीत अंजुम, दीपक शर्मा द्वारा अदाणी पर बनाए गए सभी वीडियो शामिल हैं.“
https://x.com/abhisar_sharma/status/1968094484320899284?s=19














