देश के जाने-माने कंटेंट क्रिएटर और लोकप्रिय यूट्यूबर मोहक मंगल और देश की प्रमुख न्यूज़ एजेंसी Asian News International (ANI) के बीच कॉपीराइट स्ट्राइक का विवाद गहराता जा रहा है. जिस कारण ANI की जमकर आलोचना हो रही है. मोहक मंगल अपने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहन विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 25 मई रविवार को मोहन मंगल ने यूट्यूब पर एक वीडियो डालकर ANI पर कॉपीराइट स्ट्राइक के बदले पैसे की उगाही का आरोप लगाया. उन्होंने इस पूरे मामले पर 11 मिनट 57 सेकंड का एक वीडियो बनाकर विस्तार से जानकारी दी है. उनके इस वीडियो में दावा किया कि ANI ने उनके वीडियो में 9-11 सेकंड की एक छोटी सी क्लिप के लिए कॉपीराइट स्ट्राइक भेजा है. यह क्लिप उनके 33 मिनट के वीडियो का हिस्सा थी, जिसमें उन्होंने समाचार कवरेज और समीक्षा के उद्देश्य से ANI की फुटेज का उपयोग किया था. मोहक ने दावा किया कि उनके द्वारा यूज की गई क्लिप फेयर यूज के अंदर आती है. जो यूट्यूब और कॉपीराइट कानूनों के तहत समाचार, समीक्षा, या शैक्षिक उद्देश्यों के लिए सीमित सामग्री के उपयोग की अनुमति देता है.
40–45 लाख की मांगने का आरोप
यूट्यूबर आगे आरोप लगाया कि ANI कथित तौर पर इस स्ट्राइक को हटाने के लिए से 40-50 लाख रुपये की मांगने का आरोप लगाया है या उसके बदले 2 साल का ANI सब्सक्रिप्शन ले लो.
मोहक ने इसे “उगाही” और “माफियागिरी” बताया. उन्होंने आगे यह भी दावा किया कि ANI इसी तरह के उगाही अन्य कई बड़े कंटेंट क्रिएटर्स के साथ कर चुका है. उनसे लाखों रुपए वसूल चुका है.आपको बताने किसी भी चैनल पर तीन कॉपी स्ट्राइक पड़ने पर वह चैनल यूट्यूब की तरफ से डिलीट कर दिया जाता है. यह विवाद ने भारत में डिजिटल क्रिएटर्स और कॉपीराइट सिस्टम के बीच तनाव को उजागर करता है. यह मामला डिजिटल अधिकारों, क्रिएटर्स की सुरक्षा, और कॉपीराइट स्ट्राइक के दुरुपयोग पर व्यापक बहस को जन्म देता है.
PMO से लगाई गुहार
विशेषज्ञों की माने तो कॉपीराइट कानूनों का उद्देश्य बौद्धिक संपदा की रक्षा करना है, लेकिन इसका दुरुपयोग छोटे क्रिएटर्स को निशाना बनाने और अनुचित लाभ कमाने के लिए किया जा सकता है. मोहक ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है.
समर्थन में आए पत्रकार और यूट्यूबर
मोहक के समर्थन में देश के प्रमुख यूट्यूबर्स जैसे नीतीश राजपूत और ध्रुव राठी ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है, जिससे यह विवाद और गंभीर हो गया है.
यूट्यूबर पर ध्रुव राठी ने मोहक का समर्थन करते हुए लिखा, “ऐसा लगता है कि ANI जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है. सभी क्रिएटर्स को इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है.“
यूट्यूबर नीतीश राजपूत ने लिखा, “यूट्यूब को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि क्रिएटर्स वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भी असहाय महसूस न करें“
कॉमेडियन कुणाल कमरा ने उनके इस वीडियो पर कमेंट में लिखा और ANI को बैन करने की मांग की. उन्होंने लिखा, “यूट्यूब इंडिया को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और क्रिएटर्स को ब्लैकमेल करने के आधार पर ANI को अपने प्लेटफॉर्म से बैन कर देना चाहिए. क्रिएटर्स प्लेटफॉर्म बनाते हैं, ANI जैसे चोर नहीं.“
एक्स यूजर सौरभ ने लिखा, “ये मोहक हैं इनका यूट्यूब पर चैनल है जिसके लाखों सब्सक्राइबर हैं.. मोहक इस वीडियो में न्यूज़ एजेंसी ANI की माफियागिरी की पोल खोल रहे हैं कि कैसे ANI यूट्यूबरों से कॉपीराइट स्ट्राइक के जरिए चैनल डिलीट करने की धमकी देकर 50-50 लाख रुपये वसूल रहा है. कई क्रिएटर ने लाखों की रकम दे दी है लेकिन मोहक ने पैसे देने से मना कर दिया है.”
इस पूरे मामले पर पत्रकार रवीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिख ANI की आलोचना और मोहन मंगल के कदम को साहसिक बताया. उन्होंने कहा, ”मोहक मंगल और पौरुष शर्मा ने अपने वीडियो में जो कहा है, वो सबके लिए गंभीर चेतावनी है और साहसिक काम है। यूट्यूब को तुरंत कुछ करना होगा. किसी को ज़रूरत होगी तो वह ख़ुद से ANI से सब्सक्रिप्शन लेगा लेकिन स्ट्राइक के बदले सब्सक्रिप्शन यूट्यूब के ज़रिए पनप रही स्वतंत्र पत्रकारिता को बिजनेस की कथित नैतिकता के नाम पर खत्म करने की कोशिश की जा रही है.”
उन्होंने स्ट्राइक को बुलडोजर क्राइम बताया. उन्होंने आगे लिखा, “स्ट्राइक बुलडोजर क्राइम का दूसरा नाम है। अतिक्रमण हटाने के कथित वैध तरीके का सहारा लेकर लोगों के घर उजाड़ने के खेल को सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दिया. इसलिए स्ट्राइक सिस्टम में बदलाव होना चाहिए. अव्वल तो होना नहीं चाहिए. वीडियो हटाने का विकल्प अनिवार्य किया जा सकता है.”