पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को पूरी दुनिया ने देखा. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को तबाह करके पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि वह घर में घुसकर मारने में सक्षम है. किसी भी देश की सेना को ताकतवर बने रहने के लिए समय पर अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति बहुत जरूरी है. एक तरफ भाजपा पूरे देश में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को गिनाने के लिए घर-घर सिंदूर भेज रही है वहीं वायु सेना प्रमुख ने रक्षा आपूर्ति के समय पर न पूरा होने पर चिंता जताई है. जिसके बाद लोग मोदी सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
29 मई 2025 को कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की सालाना बिजनेस समिट 2025 में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर अपनी गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि समय पर प्रोजेक्ट्स पूरा न होने की वजह से देश की रक्षा तैयारियों पर असर पड़ रहा है.
एयर चीफ मार्शल ने अपने संबोधन के दौरान सिस्टम की खामियों को उजागर करते हुए कहा, “अब तक ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं है जो समय पर पूरा हुआ हो. हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम ऐसी चीजों का वादा क्यों करते हैं, जिसे पूरा ही नहीं किया जा सकता? उन्होंने आगे कहा कि कई बार कॉन्ट्रैक्ट साइन करते वक्त ही पता होता है कि यह समय पर पूरा नहीं होगा, फिर भी ऐसे समझौते कर लिए जाते हैं, जिससे पूरा सिस्टम प्रभावित होता है.”
पहले भी जता चुके हैं चिंता
वायु सेवा प्रमुख इससे पहले भी रक्षा पूर्ति में देरी को लेकर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने फरवरी 2025 में रक्षा पूर्ति में देरी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था, “ मुझे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर भरोसा नहीं है फरवरी तक 11 तेजस देने का वादा किया था लेकिन अभी एक भी तैयार नहीं है.”
9 मार्च 2025 को उन्होंने फिर से सवाल उठाते हुए कहा था कि 5 वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हमारी जरूरत है.
विपक्ष और पत्रकार पूछ रहे सवाल
वायुसेना प्रमुख द्वारा रक्षा आपूर्ति को लेकर नाराजगी जाहिर करने के बाद कांग्रेस पार्टी सहित पत्रकारों ने केंद्र की मोदी सरकार को की जमकर आलोचना की और उनसे सवाल पूछ रहे हैं.
कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा, “वायुसेना प्रमुख का कहना है कि एक भी डिफेंस डील समय पर पूरी नही होती सवाल है कि ये जिम्मेदारी किसकी है? प्रधानमंत्री तो जिम्मेदार नही हो सकते ना… क्योंकि उनके कंधों पर तो चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी है”
पत्रकारों ने क्या कहा?
पत्रकार रवीश कुमार ने सवाल पूछते हुए लिखा, “भारत के वायुसेना प्रमुख ने कहा है कि एक भी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ. रक्षा मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. इसके कारण वायु सेना की क्षमता किस तरह प्रभावित हुई? क्या इन्हीं सवालों से बचने के लिए संसद का सत्र नहीं हो रहा है?”
इतिहासकार अशोक कुमार पांडेय ने लिखा, “पहले भी एयर फोर्स में आधुनिक फाइटर जेट्स वगैरह की कमी के सवाल उठे हैं, एक बार फिर वायुसेना प्रमुख गंभीर सवाल उठा रहे हैं. क्या मोदी सरकार का मिस मैनेजमेंट एयरफोर्स के लिए दिक्कत पैदा कर रहा है?”
वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर ने लिखा,“डिफेंस डील पर IAF चीफ ने उठाए गंभीर सवाल,‘ एक भी करार समय पर पूरा नहीं होता’. वायुसेना प्रमुख को क्यों कहना पड़ा? प्रधानमंत्री को सेना के शौर्य को ‘भुनाने’ की जगह बुनियादी तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। यह बेहद चिंताजनक बयान है”.
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने लिखा, “युद्ध विराम को अभी तीन हफ़्ते भी नहीं बीते हैं और वायुसेना प्रमुख ने सरकार को खरी-खरी सुनाई दी है. मोदी जी भाषणों से चुनाव लड़े जाते हैं युद्ध नहीं. अगर आप सेना को समय पर हथियार उपलब्ध नहीं करवा रहे तो देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं. बंद कीजिए रोड शो और चुनावी रैलियां. अगले छह महीने सेना को सशक्त बनाने में झोंक दीजिए. मगर चुनाव जीवी, सत्ता जीवी प्रधानमंत्री से ये है सकेगा क्या? क्या इतना त्याग वे कर पाएंगे?”