गुजरात के प्रमुख अखबार ‘गुजरात समाचार’ के मालिकों में से एक बाहुबली शाह को शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. उनको मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपो में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
बाहुबली शाह लोक प्रकाशक लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं. बाहुबली शाह और उनके भाई श्रेयांस शाह ‘गुजरात समाचार के पब्लिकेशंस’ के संयुक्त मालिक हैं. गुजरात समाचार के पब्लिकेशन की शुरुआत 1932 में हुई थी. बाहुबली शाह मीडिया हाउस के अलावा 15 से अधिक व्यावसायिक संस्थानों से जुड़े हुए हैं.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बाहुबली शाह और उनके भाई श्रेयांस शाह के कई परिसरों पर 13 मई को इनकम टैक्स की टीम ने छापा मारा था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम भी वहां पहुंची थी. ED की टीम ने शाह के आवासीय परिसरों के साथ उनके कार्यालयों पर भी छापा मारा. जिले बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया.
आपको बता दें कि बाहुबली शाह 73 वर्ष के हैं. वहीं पहलगाम हमले के बाद गुजरात समाचार का एक्स अकाउंट बंद कर दिया गया था. बाहुबली शाह की गिरफ्तारी के बाद देश की राजनीतिक पार्टियों ने उनके ने शाह की गिरफ्तारी का विरोध किया और इसे तानाशाही करार दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह की गिरफ्तारी पर लिखा, “मोदी जी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था – “Criticism is the soul of Democracy” (आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है) . गुजरात समाचार के 93 वर्षीय संस्थापक श्री बाहुबली भाई शाह जी को ED से गिरफ़्तार करवाकर मोदी जी ने सिद्ध किया है — Arresting critics is the first sign of a scared dictator ! (आलोचकों को गिरफ्तार करना एक डरे हुए तानाशाह का पहला संकेत है!). जिसने भी इस सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई, और जिसने भाजपा से समझौता नहीं किया, उसको जेल जाना पड़ेगा. सरकार द्वारा स्वतंत्र मीडिया पर दबाव बनाकर, अपने हक़ में इस्तेमाल करना लोकतंत्र के लिए घातक है.
आप आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर X (एक्स) पर लिखा, “बीते 48 घंटों में गुजरात समाचार और GSTV पर IT और ED के छापे, और फिर उनके मालिक बाहुबली शाह की गिरफ्तारी–ये सब एक इत्तेफाक नहीं है. ये बीजेपी की उस बौखलाहट का संकेत है, जो हर उस आवाज को खामोश करना चाहती है जो सच बोलती है, सवाल पूछती है. देश और गुजरात की जनता बहुत जल्द इस तानाशाही का जवाब देगी.”
बाहुबली शाह की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने टीवी कर लिखा, “मोदी सरकार में सच लिखने और बोलने की बेहद कड़ी सजा दी जाती है- ताज़ा मामला गुजरात से है. गुजरात के प्रमुख अखबार ‘गुजरात समाचार’ और GSTV पर ED की रेड डाली गई. ‘गुजरात समाचार’ के 73 वर्षीय डायरेक्टर बाहुबली शाह को गिरफ्तार कर लिया गया है. BJP सरकार को जवाब और जवाबदेही की आदत नहीं है, तो उन्होंने ED भेजकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के अधिकारों को रौंद दिया. मोदी सरकार का ये तानाशाही और मनमाना रवैया देश के लिए बेहद घातक है, जिसके खिलाफ हम सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी.”
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप राजदीप सरदेसाई ने लिखा, “गुजरात के सबसे बड़े अखबार गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके भाई और गुजराती मीडिया के पितामह श्रेयांस शाह ने कहा कि ‘हम लड़ते रहेंगे’. श्रेयांस भाई ‘सत्ता विरोधी’ छवि के लिए जाने जाते हैं.“
गुजरात समाचार के मालिक की गिरफ्तारी पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने मीडिया पर सवाल करत हुए लिखा, “गुजरात चुनाव की तैयारी है. कहीं न कहीं घबराहट है कि सत्ता पलट सकती है। राहुल गांधी चुनौती दे चुके हैं. ये तब है जब इतने सालों से गुजरात को सख्ती से मुट्ठी में रखा गया है और ज्यादातर मीडिया नतमस्तक है. गोदी मीडिया से ये ख़बर ग़ायब है. क्यों ग़ायब है इसे समझना मुश्किल नहीं है. अब यूट्यूबरों की बारी भी आने वाली है। चुनाव के पहले दबाने और खरीदने दोनों हथकंडे आज़माए जाएंगे. न्यू इंडिया की यही पहचान है.”