झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जान से मारने की धमकी के एक मामले में कोर्ट से केस वापस ले लिया. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में लंबे समय तक सुनवाई चली थी. कोर्ट ने इस केस को निशिकांत दुबे के आग्रह पर रद्द कर दिया.
क्या था पूरा मामला?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को 2018 में जान से मारने की धमकी दी गई थी. निशिकांत दुबे को यह धमकी 7 साल पहले गोड्डा जिले के कुंदर कुमार दास ने दी थी. पुलिस की जांच में यह पता चला कि कुल मुस्लिम लड़कों को फंसाने के उन्हें यह धमकी लिए कुंदन ने दी थी. जिसकी पिछले 7 सालों से सुनवाई चल रही थी.
निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा, “मुझे जान से मारने की धमकी कुंदन कुमार दास ग्राम कुमारडीह,मेहरमा, गोड्डा जिला के निवासी ने आज से 7 साल पहले दी थी,दिल्ली पुलिस की जांच में यह साबित हुआ कि कुछ मुस्लिम लड़कों को फंसाने के लिए कुंदन ने यह साजिश रची थी,मोहम्मद गुलफाम के नाम पर यह मोबाइल फोन खरीदा गया था.”
https://x.com/nishikant_dubey/status/1963178786863632454
निशिकांत दुबे केस रद्द करने का किया आग्रह
बीजेपी सांसद ने एक्स पर आगे लिखा, “आज दिल्ली हाईकोर्ट में खुद ही उपस्थित होकर मैंने माननीय न्यायालय से यह केस ख़ारिज करने का आग्रह किया. माननीय उच्च न्यायालय ने 10 हजार का जुर्माना तथा भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो के आदेश के साथ केस को रद्द किया.”
निशिकांत दुबे से लोगों ने पूछे सवाल
निशिकांत दुबे द्वारा केस वापस लेने पर उनकी पोस्ट के कमेंट बाक्स में कई सारे एक्स यूजर्स ने सवाल उठाए.
सलीम रॉकी नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा, “मां की कसम खा कर बताना दुबे जी, कुंदन कुमार दास की जगह पर कासिम खान होता तो भी उसकी सजा माफ कर देते? और दूसरी बात देख रहे हो ना कैसे मुसलमानों को बदनाम करने के लिए उनके नाम का सहारा लिया जा रहा है. आप देखो या ना देखो हम सब देख रहे हैं और अपने डायरी में नोट करके रख रहे हैं.”
https://x.com/salim_rocky25/status/1963181967727570958
Md Sohel नाम के एक्स यूजर ने लिखा, “भाई साहब, धमकी मिलते ही अगर ‘नाम’ में उर्दू ट्यून होती, तो आपके बयान और ट्विटर लॉबी की चीखें आसमान तक जाती मगर हिंदी नाम ने पूरा सिस्टम ‘साइलेंट’ मोड में डाल दिया!” कहां से लाते हैं इतना दोगलापन?