प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डायरेक्टर चिंतन रघुवंशी की मुश्किलें बढ़ गई है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर को भुवनेश्वर के व्यवसायी से 20 लाख घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

2013 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी रघुवंशी पर भुवनेश्वर के एक खनन व्यवसायी से 5 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है. यह रिश्वत कथित तौर पर एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले को सेटल करने के लिए मांगी गई थी. सीबीआई ने गुरुवार 29 मई को एक जाल बिछाकर रघुवंशी को 20 लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा.

मामला तब सामने आया जब व्यवसायी रतिकांत राउत ने सीबीआई को शिकायत की. रघुवंशी उनसे एक पुराने ईडी मामले को खत्म करने के लिए रिश्वत मांगने की जानकारी दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रघुवंशी ने शुरू में 5 करोड़ मांगे थे लेकिन बाद में 2 करोड़ पर सहमति बनी. धेनकनाल में पत्थर खनन का व्यवसाय करने वाले राउत के अनुसार रघुवंशी ने कथित तौर उनपर घूस देने का दबाव बनाया जिसके बाद उन्होंने राउत ने सीबीआई को इसकी जानकारी दी.

सीबीआई ने इस जानकारी के आधार पर गुरुवार को भुवनेश्वर में एक जाल बिछाकर उन्हें रंगो हाथ पकड़ लिया. जिसके बाद रघुवंशी को नयापल्ली स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.

ईडी के डिप्टी डायरेक्टर का गिरफ्तारी का मामला बहुत ही गंभीर है. ईडी ऐसी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आर्थिक अपराधों की जांच करती है. अगर  ईडी के ही अधिकारी घूस लेते हुए पकड़े जाएंगे तो लोगों का इस तरह की एजेंसियों पर से विश्वास डगमगाता है. यह घटना ऐसे समय आई है जब देश के कई हाई प्रोफाइल मामलों में नेताओं की जांच कर रही है.

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