भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर अदाणी समूह के लिए लॉटरी साबित हुआ. अदाणी कंपनी के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और मात्र एक दिन में 70 हजार करोड़ की कमाई की. पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के बाद भारतीय शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली और सेंसेक्स लगभग 3000 प्वाइंट बढ़कर बंद हुआ था. वहीं मंगलवार को सेंसेक्स 1200 पॉइंट नीचे गिर गया.

अदाणी समूह की 10 कंपनियों ने एक दिन में 70 हजार करोड़ से अधिक की कमाई की. अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. इस कंपनी को करीब 20 हजार करोड़ रुपए का लाभ हुआ. इसके अलावा अदाणी ग्रुप की सीमेंट कंपनी, अदाणी पावर, अदाणी एनर्जी जैसी कंपनियों में जबरदस्त उछाल आया. वहीं मंगलवार को भी अदाणी कंपनी के ज्यादातर शेयरों में उछाल देखने को मिला. 

आपको बता दें अदाणी समूह पर निवेशकों को गुमराह करने के वाले केस का आरोप अमेरिका में चल रहा है. नवंबर 2024 में अमेरिका की जांच एजेंसियों ने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के खिलाफ भारतीय बिजली आपूर्ति अनुबंध हासिल करने रिश्वत देने का आरोप लगाया था. अमेरिकी एजेंसियों का दावा था कि अदाणी समूह ने फंड जुटाने के दौरान अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया है. जिसको लेकर देश में काफी हंगामा मचा था. तमाम विपक्षी पार्टियों अदाणी और केन्द्र सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था. पूरे मामले के सामने आने के बाद से अदाणी समूह ने के शेयरों में तेजी से गिरावट देखने को मिली थी. 

हाल ही में गौतम अदाणी की टीम ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकारियों से मुलाकात की है. अदाणी की टीम की यह मुलाकात अमेरिका में चल रहे अदाणी ग्रुप की खिलाफ केस को सुलझाने के संबंधित है. वहीं कुछ लोग भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को अदाणी समूह से भी जोड़कर देख रहे हैं. लोग डोनाल्ड ट्रंप की उस बयान से जोड़कर देख रहे हैं जिसमें वो भारत और पाकिस्तान को जंग न रोकने पर व्यापार बंद करने की बात कह रहे हैं.

आपको बता दे कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा करने से पहले खुद इसकी घोषणा कर दी. उन्होंने बयान जारी कर कहा था कि, ‘मैंने भारत-पाकिस्तान को कहा अगर तुम जंग नहीं रोकोगे तो व्यापार नहीं होगा.“

भारत द्वारा पाकिस्तान से साथ संघर्ष विराम पर लिए राजी होने को लेकर लोग अदाणी समूह पर आरोप लगा रहे है अदाणी समूह को लेकर सोशल में लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. .

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, “5 मई को अदाणी जी की टीम ने ‘अदाणी के खिलाफ घूसख़ोरी’ का मामला खत्म करने के लिए ट्रंप प्रशासन से बातचीत शुरू की. 10 मई को मोदी से बात करके ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा कर दी. देश सवाल पूछ रहा है मोदी जी क्या दोस्त के लिए आपने देश के स्वाभिमान से समझौता किया है?”

कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने सवाल उठाते हुए कहा कि, “5 मई को अदाणी की टीम ट्रंप सरकार से $265 Million घूसखोरी के केस को खत्म करने की बात शुरु करती है. 10 मई को ट्रंप अचानक सीजफायर की घोषणा कर देते हैं जिससे पाकिस्तान पर बढ़त के बावजूद भारत को कदम खींचना पड़ता है.ये संयोग है या प्रयोग ???”

ट्विटर यूजर पत्रकार गुरप्रीत वालिया ने लिखा, “जादू है बंदे के पास ! भारत पाकिस्तान तनाव के बीच व्यापार पर भयंकर असर पड़ा लेकिन एक बंदा है ये पता नहीं कैसे सब ठीक कर जाता है. अब सुनो सीजफायर के बाद अदाणी ने सारे रिकॉर्ड तोड़े है एक दिन में 70 हजार करोड़ कमाए है. अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को करीब 20 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. गौतम अदाणी की सीमेंट कंपनियों के मार्केट कैप में भी अच्छी तेजी देखने को मिली है.ये कैसे कर जाता है ये पता किया जाए”

एक ट्विटर यूजर Md. Fujail Ahmed ने सवाल उठाते हुए लिखा, “क्या अमेरिका में अपने मित्र अदाणी के खिलाफ चल रहे आपराधिक धोखाधड़ी के मामले के कारण देश को दूसरों के सामने झुकना पड़ा? देशवासी वाकई हैरान हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सोशल मीडिया पर भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम की घोषणा करते हैं और फिर हमें भी ट्रंप की तरह ही आज्ञाकारी छात्र की तरह उनका अनुसरण करते हुए घोषणा करनी पड़ती है!“

 

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