24 सितंबर को लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद 26 सितंबर को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अब उन्हें लेह से राजस्थान जोधपुर की जेल दिया गया है. सरकार ने वांगचुक पर लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. जिसके तहत उनको लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता है. वांगचुक को जोधपुर जेल की हाईसिक्योरटी सेल में रखा गया है. जिसमें 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जा सकती है.

वांगचुक की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उनके घऱ की तलाशी ली थी. वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनके खिलाफ लगाए आरोपों को झूठा बताया. गीतांजलि अंगमो ने कहा कि सरकार वांगचुक की छवि को खराब करने के लिए उनके ऊपर आरोप लगाया कि सरकार उनके पति की छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है. उनकी पत्नी ने कहा कि अगर हमारे पास विदेशी फंडिंग है तो हमारी खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थीं? ये आंदोलन को बदनाम करने की एक साजिश है.

सोनम वांगचुक ने लेह में हुई के बाद से ही अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. उन्होंने कहा था कि मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उनकी गिरफ्तारी की विपक्ष ने सरकार की जमकर आलोचना की है. कांग्रेस सहित देश की विपक्षी पार्टियों और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने वांगचुक की गिरफ्तारी की जमकर आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंसा के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है. 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने लद्दाख की स्थिति पर लंबी पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लद्दाख में सरकार द्वारा स्थिति से निपटने में की गई दयनीयता और उसके बाद सोनम वांगचुक की कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है.

लद्दाख के लोगों के साथ बीजेपी ने किया विश्वासघात

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर लद्दाख के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे लिखा, “ इस संकट की जड़ में भाजपा द्वारा लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं के साथ लगातार किया जा रहा विश्वासघात है. पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से वहाँ उथल-पुथल मची हुई है और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की लोगों की मांग को धैर्यपूर्वक सुनने के बजाय, मोदी सरकार हिंसा का जवाब दे रही है. भाजपा ने इस क्षेत्र को छठी अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन दुर्भाग्य से उस वादे को पूरी तरह से नकार दिया गया है.

4 मौतों की हो न्यायिक जांच

मल्लिकार्जुन खरगे ने लद्दाख हिंसा में मारे गए 4 लोगों की मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लद्दाख में शांति के अलावा कुछ नहीं चाहती. दशकों से हमने यह सुनिश्चित किया है कि यह खूबसूरत सीमावर्ती क्षेत्र सौहार्दपूर्ण और सुरक्षित रहे, लोकतंत्र की भावना और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को कायम रखते हुए. हम चार निर्दोष युवकों की मौत और कई अन्य लोगों को हुई गंभीर चोटों की न्यायिक जांच की मांग करते हैं. लद्दाख में लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतंत्र को पुनर्जीवित और बहाल करने की आवश्यकता है.”

 

         

 

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