सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई चल रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्हें असक्षम ठहरा दिया।
उन्होंने कहा-“हमें यह कहते हुए खेद है कि आप, भारत की सरकार के रूप में समस्या को हल करने में सक्षम नहीं हैं। आपने बिना किसी बातचीत के ये कानून बनाया है, इसी कारण किसानों ने हड़ताल की। अब आप ही को इसका हल निकालना होगा”।
सर्वोच्च न्यायालय का विचार है कि कृषि कानूनों पर कुछ समय के लिए रोक लगानी चाहिए। वो सरकार और किसानों कर बीच चल रही बातचीत से संतुष्ट नहीं है।
किसानों की तरफ से दुष्यंत दवे वकालत कर रहे हैं।
CJI बोबडे ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट को नहीं लगता कि सरकार मामले को सुलझाने में सक्षम रही है।
किसान संगठनों और सरकार के बीच कई बार बैठकें हुई जिसका कोई परिणाम सामने नहीं आया। किसानों ने 26 जनवरी के दिन एक बड़ी ट्रेक्टर रैली निकलने का एलान किया है।
अगर अगले 2 हफ्ते में सरकार किसानों को समझाने में सफल नहीं होती है या फिर यह तीनों कानून वापस नहीं लेती है तो किसान संगठनों के दावे के मुताबिक, इस देश का सबसे बड़ा किसान मार्च गणतंत्र दिवस के मौके पर किया जाएगा।