सालों से चली आ रही जीएसटी टैक्स में सुधारों की मांग को लेकर पर आखिरकार केंद्र सरकार ने फैसला लेते टैक्स स्लैब को कम करने का फैसला लिया है. नई दिल्ली में बुधवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े अहम फैसले लिए गए. जिससे आम लोगों को राहत मिल सकती है. टैक्स की दरों में बदलाव से 100 से अधिक चीजों के दाम घट सकते हैं वहीं कई चीजों के दामों में बढ़ोतरी भी होगी. जीएसटी में बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे.
क्या-क्या होगा सस्ता?
फूड आइटम्स
जीएसटी की नई दरों को लागू करने से खाने पीने की चीजें सस्ती होगी. ज्यादातर फूड आइटम्स में जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जा चुकी हैं. वनस्पति तेज, मांस, मछली, पिज्जा, चीनी,चॉकलेट,पास्ता, नूडल्स, नारियल पानी जैसी चीजों पर जीएसटी की दरों को घटाकर 12 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत तो किसी में 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है.
डोमेस्टिक वस्तुएं
जीएसटी की दरों में बदलाव के कारण हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, शेविंग उत्पाद, टैल्कम पाउडर टॉयलेट, साबुन (बार/केक), टूथब्रश, डेंटल फ्लॉस, शेविंग क्रीम और मोमबत्तियां जैसी चीजें सस्ती होंगी.
हेल्थ
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस 18 प्रतिशत से शून्य कर दिया जाएगा. इसी तरह थर्मामीटर पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और डायग्नोस्टिक किट पर जीएसटी कम करके 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत किया. इसके साथ ही कई दवाइयों पर जीएसटी की दरों में कटौती की जाएगी.
तंबाकू और पेय पदार्थ होंगे महंगे
जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलावों के कारण तंबाकू और पेय पदार्थ होंगे महंगे होंगे. जिसमें सिगार, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत बढ़ाकर 40 कर दी गई है. इसके अलावा कार्बोनेटेड/वातित पेय, स्वाद युक्त पेय कैफीनयुक्त पेय 28 प्रतिशत से 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा.
कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “लगभग एक दशक से, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, GST के सरलीकरण की माँग कर रही है. मोदी सरकार ने “One Nation, One Tax” को “One Nation, 9 Taxes” बना दिया था. जिसमें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% के Tax Slabs शामिल थे और 0.25%, 1.5%, 3% व 6% की विशेष दरें थी. कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 और 2024 के घोषणापत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ GST 2.0 की मांग की थी. हमने GST के जटिल Compliances को भी सरल बनाने की माँग की थी, जिससे MSMEs और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए थे. 28 फरवरी 2005 को Congress-UPA सरकार ने लोक सभा में GST की औपचारिक घोषणा की थी. 2011 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुख़र्जी जी GST Bill लेकर आए तब भाजपा ने उसका विरोध किया था. जब मोदी जी मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने GST का घोर विरोध किया था. आज यही भाजपा सरकार रिकॉर्ड GST Collections का जश्न मनाती है, जैसे कि आम जनता से टैक्स वसूल कर उसने कोई बहुत बड़ा काम किया हो.”