पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार ने पड़ोसी मालदीव के लिए बहुत बड़ी घोषणा की है. जिससे मालदीव काफी खुश नजर आ रहा है. दरअसल, भारत सरकार ने समुद्री पड़ोसी देश मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 423 करोड़) का ट्रेजरी बिल जारी करने का फैसला किया है. मालदीव में भारतीय हाई कमीशन द्वारा द्वारा पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी गई.
क्या होता है ट्रेजरी बिल?
आपको बता दें कि ट्रेजरी बिल एक तरह का अल्पकालिक ऋण होता है. जिसकी अवधि आमतौर पर 91 दिन, 182 दिन, या 364 दिन होती है। यानी ये 1 साल से कम समय के लिए होते है. इसमें किसी तरह का ब्याज नहीं लगता है.
मालदीव ने जताया आभार
भारत सरकार द्वारा मालदीव को आर्थिक मदद दिए जाने के बाद मालदीव के विदेश मंत्री ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री एस.जयशंकर को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के माध्यम से मालदीव को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करने लिए धन्यवाद देता हूं. यह सहायता भारत और मालदीव के बीच मित्र के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती है. मालदीव राजकोषीय सुधारों को लागू करने के लिए सरकार के फैसले का समर्थन करेगा.”
मालदीव में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी किया गया पत्र
मालदीव में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि मालदीव सरकार के अनुरोध पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने मालदीव के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक और साल के लिए सब्सक्राइब किया है. मार्च 2019 से भारत सरकार SBI के माध्यम से ऐसे कई ट्रेजरी बिलों को खरीदने और हर साल बिना ब्याज के उन्हें बढ़ाने में मदद कर रही है. यह एक विशेष सरकार से सरकार व्यवस्था के तहत मालदीव को आपातकालीन वित्तीय सहायता के रूप में किया जा रहा है.
पिछले साल पीएम मोदी से मिले मालदीव के राष्ट्रपति पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान ‘नेबर फर्स्ट’ की नीति और विजन SAGAR के तहत मालदीव के बीच संबंध बेहतर करने पर जोर दिया था. उसके बाद भारत और मालदीव के संबंधो में कड़वाहट कम हुई थी.
भारत में चला,था मालदीव बॉयकॉट का ट्रेंड
आपको बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश में इंडिया आउट को कैंपेन से चुनाव जीता था. मुइज्जू का रुख हमेशा से भारत विरोधी रहा है. मालदीव के नेताओं द्वारा भारत के प्रधानमंत्री पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद भारत में मालदीव का बॉयकॉट मालदीव का ट्रेंड चला था. बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव न जाने का ऐलान किया था.