सीएए-एनआरसी पर मोदी सरकार के रैवए की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक सत्र को संबोधित करते हुए सोरोस ने कहा कि भारत की नाकामी की सबसे बड़ी वजह उसका राष्ट्रवाद है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद फिर ज़ोर मार रहा है। भारत के लिए सबसे बड़ा और भयावह झटका यह है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई नरेंद्र मोदी सरकार एक हिंदू राष्ट्रवादी देश बना रही है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और नागरिकता कानून पर टिप्प्णी करते हुए सोरोस ने कहा कि मोदी ने ‘एक मुस्लिम बहुल अर्ध-स्वायत्त कश्मीर पर दंडात्मक कार्रवाई की। साथ ही सरकार के फैसलों (नागरिकता कानून) से वहां रहने वाले लाखों मुसलमानों पर नागरिकता जाने का संकट पैदा हो गया है।
इस दौरान सोरोस ने कई राष्ट्राध्यक्षों की आलोचना की। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को तानाशाह बताया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प, पुतिन और जिनपिंग जैसे तानाशाह सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं, शासकों की इस तरह की सोच में इजाफा हो रहा।
सोरोस ने मौजूदा हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सिविल सोसाइटी में लगातार गिरावट आ रही है। मानवता कम होती जा रही है। इस वक्त हम इतिहास के बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। खुले समाज की अवधारणा खतरे में है।
बता दें कि 89 वर्षीय जॉर्ज सोरोस अमेरिका के एक जाने-माने निवेशक हैं और उन्होंने शेयर बाजार से अरबों डॉलर की कमाई की है। सोरोस एक नए यूनिवर्सिटी नेटवर्क में 1 अरब डॉलर डोनेट करने जा रहे हैं। वो इसे अपने जीवन का सबसे अहम प्रोजेक्ट बताते हैं।

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