22 अप्रैल की दिन भारतीयों के लिए किसी काले अध्याय से कम नहीं हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गम में डाल दिया है. इस हमले में 27 लोगों ने अपनी जान गवां दी. हमले में यूएई और नेपाल सहित 2 विदेशी सैलानी भी मारे गए. अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति समेत दुनिया भर के तमाम नेताओं ने इस पर शोक व्यक्त किया है.
अचानक हमले के बाद मीडिया से बात करते हुए कुछ लोगों ने बताया की उनका धर्म पूछकर गोलियां मारी जा रही थी. जिसके बाद से देश में एक नरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है कि जाति नहीं, धर्म पूछकर गोलियां मारी गई थी. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर देश भर के मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे ट्वीट व बनानबाजी की भरमार आ गई है.
इसी तरह से सोशल मीडिया पर जी बांग्ला की एक 8 मिनट 28 सेकन्ड की एक क्लिप तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें रिपोर्टर पहलगाम के एक अस्पताल में घायलों से मंगलवार को हुए हमले की जानकारी ले रहे थे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर एक घायल बुजुर्ग से यह सवाल किया, क्या आतंकवादी लोगों से नाम और धर्म पूछ कर गोली मार रहे थे? जिसका जवाब देते हुए बुजुर्ग ने कहा हमें नहीं मालूम है. इसके बाद रिपोर्टर ने अन्य दूसरे घायल से सवाल कर पूछा क्या आपने ऐसा सुना था कि धर्म के नाम के पर गोली मारी गई? जिस पर युवक ने जवाब दिया ऐसा मैंने ऐसा कुछ नहीं सुना था.
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के लोग उन तमाम लोग उनके खिलाफ सवाल कर रहे है जो इस पूरे मुद्दे को हिन्दू मुस्लिम के नजरिए से देखकर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. इस वीडियो को एक्स यूजर सौरभ यादव ने पोस्ट करते लिखा कि,
“सभी को ज़ी न्यूज़ की ये 8 मिनट की रिपोर्ट जरूर देखनी चाहिए. इसमें रिपोर्टर ने हमले में बच गए कई लोगों से पूछा कि धर्म पूछ कर मारा गया तो किसी ने हां नहीं कहा”
वहीं इसी पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए नेटवर्क 18 के पूर्व पत्रकार दयानंद मिश्रा ने इसे ‘जरूरी रिपोर्ट’ बताया.
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और यह उन तमाम नफरती लोगों पर करारा तमाचा है जिसे हर चीज में हिंदू-मुस्लिम एजेंडा ढूंढते हैं.