तमिलनाडु पुलिस ने कोयंबटूर में यौन उत्पीड़न की शिकायत पर ईशा फाउंडेशन द्वारा संचालित एक स्कूल के 4 कर्मचारियों के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (POCSO) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
इस एफआईआर (FIR) में निशांत कुमार, प्रीति कुमार, प्रकाश सोमयाजी और स्वामी विबू के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 9 (L), 10, 21(2) और आईपीसी की धारा 342 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इसके अलावा एक पूर्व छात्र को भी आरोपी बनाया गया है. ईशा की स्थापना आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (सद्गुरु) द्वारा 1992 में की गई थी.
क्या है पूरा मामला?
कोयंबटूर के पेरूर में पीड़ित के माता–पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार 2017 से 2019 में उनके बेटे के साथ यौन शोषण हुआ था. उस समय उसका बेटा इस स्कूल का छात्र था.
एफआईआर में के अनुसार लड़के ने स्कूल प्रबंधन और अपने मां बाप को इस बारे में बताया था. जिसके बाद स्कूल प्रबंधन से लड़के की मां ने स्कूल से संपर्क किया। लेकिन स्कूल प्रबंधन से कोई जवाब नहीं आया.
एफआईआर में पीड़िता की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में उन्होंने जग्गी वासुदेव को ईमेल लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया था लेकिन उनका कली जवाब नहीं आया था. आपको बता दें कि इस पूरे मामले में एफआईआर माता–पिता के अक्टूबर 2024 में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के 6 महीने हुआ है.
शिकायतकर्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एफआईआर 31 जनवरी दर्ज की गई थी. जिसकी कॉपी पुलिस ने 28 मार्च दस्तावेज उन्हें दी, मां चाहती थी इस पूरे एक जांच करने वाली समिति का गठन हो.