
उत्तराखंड में हुई अंकिता भंडारी की हत्या पर जहां एक ओर पूरे देश से सहानुभूति, सांत्वना और न्याय के लिए गुहार उठ रही है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक के एक कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर पीड़िता के लिए बहुत दोयम दर्जे की बात कही है.
यह उसकी निम्न मानसिकता को दर्शाती है और संघ में इस तुच्छ मानसिक के लोगों के जुड़े होने पर भी सवाल करती है.
आरएसएस कार्यकर्ता विपिन करनवाल ने फेसबुक पर लिखा है, ‘जो बाप और भाई अपने 19 साल की लड़की की कमाई खाता हो. जिसकी बेटी और बहन सुनसान जंगल के रिजॉर्ट में काम करती हो, जहां अय्याशी होती हो. कांड के बाद जिस बाप को उसकी लड़की का जम्मू वाला दोस्त आकर आंखे खोलता हो.
ऐसे में सबसे बड़ा गुनहगार तो ऐसी लड़की का बाप है जो कच्चा दूध भूखे बिल्लों के सामने रक्त दे.
उस बाप के लिए सड़कों पर क्या चिल्लाना जो बाद में लड़की की लाश बेच दे. हजारों भावुक भाई बहनों को झंड कर दिया. मैं इसीलिए किसी कैंडल मार्च या बाजार बंद करने नहीं गया.‘
अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए देश में जगह जगह कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं. उत्तराखंड में कई जगह दुकानें बंद की गई. लेकिन ऐसे में आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है.
क्या ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हत्यारा संघ की विचारधारा से संबंध रखने वाली पार्टी के नेता का बेटा है. ऐसे में उसके द्वारा दिया गया यह बयान हत्यारों को प्रेरित करने वाला है.
बता दें कि बीते दिनों उत्तराखंड में पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में काम करने वाली युवती अंकिता भंडारी की हत्या की गई. जिसमें पुलकित आर्य मुख्य आरोपी है.
उत्तराखंड में अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए विपक्ष प्रयत्नरत है. सोशल मीडिया पर #justiceforankita बीते एक हफ्ते से सोशल मीडिया पर मुख्य ट्रेंड बना हुआ है.
ऐसे में सवाल यह भी है कि इस तुच्छ मानसिकता से हम कैसे लड़ेंगे. एक तरफ एक पिता जिसने अपनी 19 साल की बेटी को को दिया. उसके लिए ऐसी मानसिकता रखना और इस निम्न स्तर की बात कहना.
पत्रकार रमेश भट्ट ने कहा, अब हर उत्तराखंडी को बेटी की शिक्षा और सुरक्षा के लिए खड़ा होना पड़ेगा.