22 अप्रैल 2025 का दिन भारत के इतिहास के लिए काला धब्बा है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम गांव में आतंकवादियों ने चुन–चुन कर 26 पर्यटकों की जान ले ली. उस घटना के प्रति देश के लोगों में अब भी गुस्सा भरा है. उस भयानक आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजन अभी सरकार से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली थी. जिसे बाद में उसने इनकार कर दिया. इस आतंकवादी हमले में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के शुभम द्विवेदी की मौत हुई थी. जिनकी हाल ही में शादी हुई हुई थी.
शुभम द्विवेदी के परिवार मिलने और सहानुभूति जताने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मिलने गए थे. शुभम द्विवेदी सहित 26 लोगों की मौत हो गई ने पूर देश को झकझोर दिया था.
हाल ही में ऐशान्या द्विवेदी का इंटरव्यू बीबीसी ने किया था. इस इंटरव्यू की एक क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें ऐशान्या उस समय हुई घटना का जिक्र कर रही है. और यह भी बताती हुई दिख रही हैं कि कैसे पहलगाम में हुआ हमला एक घोर लापरवाही का नतीजा है. उन्होंने कहा कि हमले के समय देश ने सरकार ने उन्हें अकेला छोड़ दिया था.
बीबीसी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा “हमारे देश ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया था. हमारी सरकार ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया था हमारी आर्मी ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया था. क्योंकि मां–बाप घर पर सुरक्षा करते हैं देश की सुरक्षा तो भी करते हैं ना. उन्हीं को तो हम बोलते हैं हमें सुरक्षित रखेंगे. वहां पर अनाथ छोड़ दिया था”
मुसलमान है तो कलमा पढ़
उन्होंने आगे कहा शुभम पहला व्यक्ति था जिससे आतंकियों ने पूछा था कि हिंदू हो या मुसलमान हम समझ नहीं पाए थे कि वह कहना क्या चाह रहा है? फिर हमने इससे दुबारा पूछा क्या हुआ भैया? उसने दुबारा तेज आवाज में पूछा हिंदू है कि मुसलमान?
मुसलमान है तो कलमा पढ़
तो हम दोनों हंसने लगे. हमें लगा कोई कोई मजाक कर रहा है. हमें इस बात का कोई आइडिया नहीं था कि आगे सेकंड हम बोलेंगे कि हम हिंदू हैं तो ऐसा कर देंगे .हमें लगा मस्ती चल रही है, कोई ऐसे मजाक कर रहा है. जैसे ही हां हिंदू हूं और इसको सही से बोला भी नहीं था कि उनके सिर पर गोली मार दी.
ऐशान्या द्विवेदी ने आगे कहा, “शुभम को पहली गोली लगी थी इसलिए वजह से बहुत से अपनी जान बचाकर भाग पाए हैं. हम बहुत लोगों से मिले एयरपोर्ट पर क्योंकि जिनकी पत्नियों ने उन आतंकवादियों से कहा कि हमें भी मार दो. तो उन आतंकवादियों से कहा कि जो गवर्नमेंट को बता दो“
हमला सरकार का फेलियर
आतंकवादियों का बदला सरकार के खिलाफ था . बहुत से मासूम लोग मारे गया क्योंकि उन आतंकवादियों के मन में सरकार के खिलाफ गुस्सा था. इस गवर्नमेंट के फेलियर की वजह से या अन्य कारणों के वजह लोगों की जानें गई हैं. जब शुभम इस देश की गलती की वजह से आपकी जान गंवाई है इसलिए उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहिए.