जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हुए कायराना हमले में देश और दुनिया भर से तमाम लोगों ने अपनी दुख व्यक्त किया और भारत के लोगों के लिए एकजुटता दिखाई. पहलगाम की घटना पर अभिनेता प्रकाश राज ने अपने एक्स पर 2 पेज का भावुक पत्र जारी कर हमले की कड़ी निंदा की और मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.
पत्र का शीर्षक ‘वाइस फ्रॉम कश्मीर’ यानी कश्मीर से आवाज अंग्रेजी मे लिखा गया है. इस पत्र की शुरुआत में उन्होंने लिखा है 22 अप्रैल को 2025 को पहलगाम के मैदानों में खून बहा जिसने हमारी नींद उड़ी दी है. बर्बर हमला सिर्फ़ मासूमों पर हमला नहीं है यह कश्मीर पर ही हमला है. ये हमला लोगों के स्वागत करने के हमारी सदियों पुरानी परंपराओं का अपमान है. आज हर कश्मीरी गम और गुस्से में है.
उन्होंने पत्र में लिखा हम इस भयावह, कायरतापूर्ण हिंसा की निंदा करते हैं. कश्मीर के लोग इस समय चुप नहीं हैं. हम शोक मना रहे हैं. हम आक्रोशित हैं. हमें शर्म आ रही है कि इतनी भयावह घटना हमारे घर में भी हो सकती है.
उन्होंने इस पूरी घटना को राजनीतिक चश्मे से न देखने की अपील करते हुए आगे लिखा, “हम दुनिया से विनती कर रहे हैं कि इस भयावह घटना को राजनीतिक चश्मे से न देखें, क्योंकि यह हमारे लोगों की सच्चाई नहीं है.”
हमारी माताएं हत्यारों को नहीं पालती हैं. हमारे पिता नफरत नहीं सिखाते. हमारी मस्जिद हत्या का उपदेश नहीं देती. पवित्र कुरान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी एक भी निर्दोष की जान लेना पूरी मानवता की जान लेने जैसा है.
कश्मीर खेल और लड़ाई का मैदान नहीं है ना ही यह आपका हथियार है. हम कश्मीरी मेहमान नवाजी और मेहमानों का सम्मान करने की गहरी सांस्कृतिक परंपरा में विश्वास रखते हैं. हम न केवल बाहरी लोगों को स्वागत करते हैं बल्कि हम उन्हें गले भी लगाते हैं.
प्रकाश राज ने सभी पीड़ितों के दर्द को अपना दर्द बताते हुए कहा कि, मैं चाहता हूँ कि पीड़ितों के परिवार यह जानें कि यह केवल आपका नहीं हम सभी का दर्द हैं. आप शांति की तलाश में कश्मीर आए थे और हम आपकी रक्षा करने में विफल इसके लिए हम गहरा खेद है. हम आपके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं.”
आप एक दिन इन पहाड़ियों पर वापस लौटें और एक अलग कश्मीर देखें जिसे हम जानते हैं, वह कश्मीर जो प्यार करता है, जो गाता है, जो आश्रय देता है. बाकी दुनिया के लिए कहना चाहते हैं कि हमें इस त्रासदी के रंग में न रंगें हमें गहराई से देखे. हमारी आवाज़, निंदा सुनें और दर्द जानें. आप यह भी समझें कि कश्मीर के लोग इस अपराध के लिए अपराधी नहीं हैं बल्कि वे खुद पीड़ित हैं.
हम शोक मना रहे हैं लेकिन चुप नहीं है. इसलिए, मैं फिर कहता हूँ यह हिंसा हमारे नाम पर नहीं थी यह कभी नहीं थी और यह कभी नहीं होगी.अन्त में उन्होंने लिखा “यह पत्र एक कश्मीरी की ओर से जिसका दिल भारी, दुख और आवाज सच बोलने के लिए दृढ़ है”