कर्नाटक के मंगलुरु में स्थित एक मंदिर परिसर में कथित तौर पर कई नाबालिक लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार और उनकी हत्या संबंधी मामला सुर्खियों में आया है. इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि किसी भी आरोपी को नहीं बख्शा नहीं जाएगा..
सीएम सिद्धरमैया ने इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन करते हुआ इस मामले पर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक के मंगलुरु के पास नेत्रवती नदी के किनारे शिव मंदिर काफी लोकप्रिय है. जिसे हिंदू और जैन समुदाय के लोग मिलकर चलाते हैं. इस मंदिर में रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. इसी मंदिर से जुड़े एक पूर्व सफाई कर्मी ने चौंकाने वाला दावा किया है. जिसने पूरे कर्नाटक में सनसनी फैसला दी. सफाई कर्मी ने दावा करते हुए कहा था कि 1998 से 2014 के बीच उसे नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के शवों को दफनाने और उनका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया था.
स्कूल की छात्राएं भी हैं शामिल
सफाईकर्मी ने पुलिस को बताया कि इस अपराध में मंदिर प्रबंधन से जुड़े कई बड़े और प्रभावशाली लोग शामिल हैं. पूर्व सफाईकर्मी ने कहा कि इस काम से मना करने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी तक दी गई थी. सफाई कर्मी ने दावा किया कि कई स्कूल की छात्राओं को उनके यूनिफार्म के साथ दफनाया गया था.
सफाईकर्मी के दावे के बाद सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर FIR दर्ज कराया. इस मामले से जुड़े गवाहों को सुरक्षा दी गई. इसके बाद कंकाल को अदालत में पेश किया गया. इस घटना के सामने आने के बाद कर्नाटक में लोगों ने नाराजगी जाहिर की. इस घटना में 100 से अधिक लड़कियों और महिलाओं का रेप करने और दफनाने का आरोप है.
कब–कब क्या हुआ?
22 जून को मन्दिर के पूर्व सफाईकर्मी सचिन देशपांडे से वकील ओजस्वी गौड़ा ने मुलाकात की. सफाई कर्मी ने मंदिर परिसर में महिलाओं की कब्रों को पहचानने की बात कही. उसके बाद 27 जून को वकीलों के एक प्रतिमंडल ने दक्षिण कन्नड़ पुलिस अधीक्षक से मिलकर दावों के जांच की अपील की. फिर 3 जुलाई को सफाई कर्मी ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत और फोटोग्राफिक सबूत भी दिए.
सफाई कर्मी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 4 जुलाई को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS ) की धारा 211 (A) के तहत एफआईआर दर्ज की. 11 जुलाई को पूर्व सफाईकर्मी कोर्ट में कंकाल के अवशेष लेकर पेश हुआ.
14 जुलाई को राज्य महिला आयोग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में SIT गठन की मांग की. 15 जुलाई को एक महिला ने FIR दर्ज करवाई जिसमें उसने दावा किया कि उसकी बेटी 2003 में मंदिर परिसर में जाने के बाद लापता हो गई थी.
19 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने इस मामले में SIT का गठन किया और 20 जुलाई से SIT ने जांच शुरू कर दी है. यह मामला पूरे कर्नाटक और देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.