राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान संशोधन को लेकर ऐसी बात कह दी जिसको लेकर काफी हंगामा मच गया. नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को हटाने की मांग कर डाली. जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना हो रही है.
आपातकाल पर आयोजित कार्यक्रम में होसबोले ने कहा कि ‘समाजवाद’ और ’धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को आपातकाल दौरान शामिल किया गया था. जो कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान का हिस्सा नहीं थे.
RSS महासचिव ने 50 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के लिए कांग्रेस से माफी की मांग कर डाली. जिसके बाद RSS और बीजेपी पर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस ने RSS पर संविधान विरोधी और उसे नष्ट करने की साजिश का आरोप लगाया.
कांग्रेस ने RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के बयान को संविधान विरोधी बताते हुए लिखा, “RSS-BJP की विचारधारा भारतीय संविधान विरोधी है. आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने का खुलकर आह्वान किया है. यह सिर्फ एक सुझाव नहीं है, यह हमारे संविधान की आत्मा पर जानबूझकर किया गया हमला है.”
कांग्रेस ने उनके बयान पर आगे लिखा, “RSS महासचिव का बयान डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के न्यायपूर्ण, समावेशी और लोकतांत्रिक भारत के सपने को खत्म करने की एक लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए. जब संविधान को अपनाया गया था, तो RSS ने इसे खारिज कर दिया था.”
कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने RSS महासचिव के बयान पर सवाल करते हुए लिखा, “यह RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले हैं. इन्होंने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग की है. RSS और BJP किसी भी कीमत पर संविधान को बदलना क्यों चाहते हैं?”
RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले द्वारा दिए बयान की आलोचना आम आदमी पार्टी ने भी की. पार्टी ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “BJP और RSS की संविधान विरोधी मानसिकता फिर आई सामने. RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की खतरनाक मांग की है.यह बीजेपी और RSS द्वारा संविधान बदलने की खतरनाक मंशा को जाहिर करता है.
लोकसभा चुनाव के समय भी यह लोग संविधान बदलने के लिए 400 से ज्यादा सीटें मांग रहे थे लेकिन जनता ने इन्हें सबक सिखाया और 240 सीट पर ही रोक दिया। अब भी अगर इनके यही हालात रहे तो इस बार ये 40 सीटें भी नहीं ला पाएंगे.
RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले पर पत्रकार दया शंकर मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख डाली. उन्होंने होसबोले के बयान पर कहा RSS का एक मात्र संकल्प हिंदू राष्ट्र का निर्माण है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “संघ का एकमात्र संकल्प हिन्दू राष्ट्र का निर्माण है. राम मंदिर बस पहली सीढ़ी थी. अभी दूसरी तीसरी,चौथी, सीढ़ी आनी बाक़ी है. RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बार फिर से दोहराया है। होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग की है. पहले लोकसभा में संविधान बदलने के लिए ‘400 पार’ की माँग और अब बिहार चुनाव के पहले इस माँग का अर्थ स्पष्ट है. नागरिकों को समझना होगा हिंदू राष्ट्र और संविधान एक दूसरे के साथ नहीं रह सकते.
उन्होंने हिंदू राष्ट्र की मांग को संविधान के लिए बड़ा खतरा बताते हुए आगे लिखा, “हिंदू राष्ट्र की माँग संविधान पर सबसे बड़ा हमला है. हिंदू राष्ट्र अपने ही नागरिकों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की ज़िद है. मनुस्मृति के शासन के लिए संविधान पर क़ब्ज़ा ज़रूरी है. सरदार पटेल ने हिंदू राष्ट्र की माँग को पागलपन बताया था. यह हमारी जनता का सबसे प्रबल शत्रु है. यह हमारे मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संविधान ही नागरिकों का सबसे बड़ा हितैषी है. समता, समानता, गरिमा और बंधुत्व का सबसे बड़ा शत्रु हिंदू राष्ट्र है.”