गृह मंत्री अमित शाह अंग्रेजी को लेकर दिए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं. उनके द्वारा दिए गए बयान पर सियासत भी खूब हो रही है. शाह को लोग सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी कर रहे हैं. दरअसल अमित शाह ने गुरुवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब देश में अंग्रेजी बोलने वालों की शर्म आएगी. उन्होंने कहा था कि जो लोग भारतीय भाषाएं नहीं बोलते वो पूरी तरह भारतीय नहीं रह जाते हैं.
शाह ने कहा था, “हम सबके जीवनकाल में, इस देश में, एक ऐसा समाज बनेगा जिसमें अंग्रेजी बोलने में शर्म महसूस करेंगे वह समय अब दूर नहीं है. मेरा मानना नहीं है कि हमारे देश की भाषाएं हमारा आभूषण हैं अगर हम अपनी भाषाओं को नहीं अपनाते हैं तो सही मायनों में भारतीय नहीं कहला सकते हैं.“
गृह मंत्री के इस बयान के बाद राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता और आम लोग ने गृह मंत्री की जमकर आलोचना कर रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर उनको खूब ट्रोल भी किया जा रहा है.
राहुल गांधी ने गृह मंत्री के बयान पर कटाक्ष करते बीजेपी और RSS पर गरीब बच्चों को अंग्रेजी न सीखने देने का आरोप लगाया. उन्होंने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट और एक वीडियो शेयर कर बीजेपी नेताओं और मंत्रियों की नाम भी दिखाया जो जिन्होंने विदेश से पढ़ाई की.
राहुल गांधी ने लिखा, “अंग्रेज़ी बाँध नहीं, पुल है अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है. अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं, ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है. BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे, क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, और बराबरी करें.
उन्होंने अंग्रेजी को जरूरी बताते हुए लिखा, “आज की दुनिया में अंग्रेज़ी उतनी ही ज़रूरी है जितनी आपकी मातृभाषा जरूरी है क्योंकि यही रोज़गार दिलाएगी और आत्मविश्वास बढ़ाएगी. भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है. हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेज़ी सिखानी है. यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे.”
अमित शाह कहते हैं, ’वह समय दूर नहीं जब इस देश में अंग्रेजी बोलने वाले लोग शर्म महसूस करेंगे.’ ऐसे एक अरबों मुद्दे हैं जिन पर आपको तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है. राष्ट्रीय सुरक्षा की बदहाली उनमें सबसे ऊपर है आप हमेशा क्यों बांटते रहते हैं? आप कभी एकजुटता की बात क्यों नहीं करते.”
पत्रकार प्रभाकर मिश्रा ने इस विषय पर चटपटे अंजाम में कहा, “वो तो अंग्रेजी वाले जानें, हम तो हिंदी बोलते हैं जी”
पत्रकार से सोहित मिश्रा ने इस पूरे विषय पर गृह मंत्री की आलोचना करते हुए लिखा, “खुद के बेटे को ICC अध्यक्ष बनवाकर इंग्लिश में सभी से बात करवा रहे हैं और गरीबों को कह रहे हैं अंग्रेजी बोलने में शर्म आनी चाहिए..क्या आपने दुनिया में कहीं भी नेताओं को ऐसी बातें करते सुना है? दुनिया जब आगे बढ़ रहा है, हम गोबर, गौ मूत्र और झूठी शान में अटके पड़े हैं… भारत में हिंदी को ज़बरदस्ती सभी राज्यों में थोपने के बाद अब अंग्रेज़ी पर पाबंदी? जय हो विश्व गुरु!”
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने PM मोदी और जो बाइडेन के एक पुराने वीडियो को शेयर करते हुए व्यंग्य के लहजे में लिखा, “इसमें कोई शर्म की बात नहीं कि आपको अंग्रेजी नहीं आती। दुनिया के बहुत से बड़े नेताओं को नहीं आती, वे अपनी भाषाओं में दुभाषियों की मदद से संवाद करते हैं. शर्मिंदगी की बात है झूठ बोलना, नाटक करना, ये ज़ाहिर करना कि सब कुछ आता है. ये सरासर धोखाधड़ी है”
लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने गृह मंत्री के इंग्लिश वाले बयान पर लिखा, “अमित शाह के मुताबिक़ इंग्लिश बोलने वाले लोग इस देश में जल्दी ही शर्मिंदा होंगे…लेकिन रिपोर्ट है कि उनकी ही सरकार के मंत्री अपने बच्चों के लिए ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड की पढ़ाई प्रेफर कर रहे हैं. इस क्रोनोलॉजी पर किसी को कुछ कहना है? पूरी बेहयाई से सरकार चलाई जा रही है.