मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले की चर्चा तो सबने जरूर सुनी है. वहीं मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को लेकर ऐसा मामला सामने आया है जो किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है. जिसको सुनकर आप हैरान हो सकते हैं. इसे मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा वेतन घोटाला बताया जा रहा है. इसके घोटाले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करना शुरू कर दिया हैे. इस घोटाले को भूत कर्मचारी घोटाला जा रहा है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को वेतन को लेकर मामला सामने आया है 50 हजार से सरकारी कर्मचारियों के पास सक्रिय एम्प्लॉयी कोड तो वह उपस्थित नहीं रहते हैं. जो एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है. NDTV ने इस बात का खुलासा किया है.

NDTV के अनुसार 50 हजार कर्मचारी तो हैं मगर उनका कोई पता नहीं है. यह भी सवाल उठ रहा है कि आधार किसके नाम से लिंक हैं. जिसे भूत कर्मचारी बताया जा रहा है. इन भूत कर्मचारियों में 40 हजार रेगुलर कर्मचारी और 10 हजार टेम्परेरी हैं. इसमें 230 करोड़ रुपए के घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है.

वहीं पूरे मामले में 6 हजार से डीडीओ की भूमिका संदिग्ध पाई गई. क्योंकि डीडीओ के आधार पर ही सैलरी पाई जाती है. इस पूरे घपले का राज मीडिया में आने के बाद ट्रेजरी आयुक्त ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए सभी डीडीओ से जवाब मांगा है.

विपक्ष ने सरकार से पूछे सवाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जीतू पटवारी ने इस पूरे मामले पर प्रेस कांफ्रेंस पर सरकार पर निशाना साधा है. “मध्यप्रदेश में 12,500 करोड़ रुपए का नया घोटाला फिर बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार का पुख्ता सबूत दे रहा है!” उन्होंने कहा मध्य प्रदेश में 40-50 बड़े घोटाले की बात की है. उन्होंने का मध्य प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा मध्य प्रदेश में 50 हजार कर्मचारी गायब हो गए हैं. 250 करोड़ की सैलरी विड्रॉ हो नहीं हो रही है. सरकार ने इसके लिए जांच आयोग बनाकर कर्मचारियों को ढूंढने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 25 साल में 500 करोड़ रुपए साल यानी 12 हजार 500 करोड़ कहां गए?

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