कोलकाता में एक साल पहले आरजी कर मेडिकल कालेज में हुई महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. देश भर के तमाम डॉक्टरों ने पीड़िता के इंसाफ के लिए इस घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला था. वहीं कोलकाता में फिर कुछ इसी तरह की घटना सामने आई है जिसने सबको चौंका दिया. इस घटना ने लोगों के जेहन में कोलकाता मेडिकल कालेज में हुई भयावह घटना की यादों को तरोताजा कर दिया.

दक्षिणी कोलकाता के एक लॉ कॉलेज परिसर में एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है. घटना के सामने आने के बाद हरकत में आई पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों में एक कॉलेज का पूर्व छात्र और दो कर्मचारी भी शामिल हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 25 जून को पीड़िता के साथ यह घटना शाम 7.30 से 10.30 के बीच में हुई. आरोपियों की पहचान मोनोजित मिश्रा (31), जैब अहमद(19) और प्रमति मुखर्जी (20) के रूप में हुई है. गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश करते हुए 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने 5 दिन की हिरासत में भेज दिया है.

पीड़िता ने दर्ज कराई रिपोर्ट में अपना दर्द बयां किया है. पीड़िता ने शिकायत में बताया है कि आरोपियों ने उसको जबरदस्ती खींचकर एक कमरे में ले गए और उसका रेप किया. आरोपियों ने वीडियो भी बना लिया और पुलिस से शिकायत करने पर वायरल करने की धमकी भी दी.

वहीं इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष और बीजेपी नेता सुभेंदु अधिकारी ने इस घटना में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के नेता का हाथ होने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “कोलकाता के कस्बा लॉ कॉलेज परिसर में एक युवती के साथ हुए क्रूर सामूहिक बलात्कार से मैं स्तब्ध हूं. इस जघन्य अपराध में शामिल तीन आरोपियों में से मुख्य अपराधी की पहचान तृणमूल छात्र परिषद के प्रभावशाली नेता मनोजीत मिश्रा (31) के रूप में हुई है. यह घटना महज एक अपराध नहीं है, यह तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन के नेताओं द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में भ्रष्टाचार का एक स्पष्ट प्रमाण है.”

अधिकारी ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आगे लिखा, “तृणमूल के छात्र नेता शैक्षणिक संस्थानों में भय और अराजकता का माहौल बनाने के लिए बार-बार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं. मैं मांग करता हूं कि उचित और निष्पक्ष जांच के बाद इस मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए. आरोपियों को सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए. शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा कड़ी की जानी चाहिए ताकि भविष्य में तृणमूल कांग्रेस छात्र संगठन के नेता ऐसी घटनाओं को न दोहरा सकें.”

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस घटना के लिए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “पश्चिम बंगाल को खुद से एक कठिन सवाल पूछना चाहिए क्या ममता बनर्जी के शासन में हमारी बेटियाँ और बहनें सुरक्षित हैं? जवाब भयावह रूप से स्पष्ट है नहीं. संदेशखली में नहीं, जहाँ सालों तक महिलाओं का शोषण किया गया. मालदा या सिलीगुड़ी में नहीं, जहाँ महिलाओं के खिलाफ हिंसा आम बात है. मध्य कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में भी नहीं.कोलकाता के प्रमुख लॉ कॉलेज में नहीं. गाँवों में नहीं, शहरों में नहीं और कहीं भी नहीं क्योंकि ममता बनर्जी के राज में बलात्कारियों को सजा नहीं सुरक्षा मिलती है.”

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