12 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद से ईरान और इजरायल के बीच भीषण युद्ध जारी है. ईरान और इजरायल लगातार एक दूसरे से पर हवाई हमले कर रहे हैं. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है इजराइल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. युद्ध की शुरुआत में ईरान पर इजरायल बढ़त बनाते हुए दिख रहा था लेकिन अब मामला पूरी तरह से पलटता दिख रहा है. जहां एक समय लग रहा था इजरायल आसानी से ईरान पर बढ़त बना लेगा लेकिन ईरान के पलटवार ने पूरे युद्ध को पलट दिया है.
ईरान की मिसाइल हमलों से इजरायल को बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. ईरान और इजरायल के युद्ध में इजरायल की छवि को पूरी तरह बदल दिया. जिसमें जिसमें उसे मिलिट्री सुपर पावर और अजेय की तरह देखा जाता था. इजरायल रक्षा के लिए लगातार अमेरिका से मदद की गुहार लगा रहा है. युद्ध की शुरुआत में जहां अमेरिका पूरी तरह से इजरायल के साथ खड़ा हुआ दिख रहा था. लेकिन जब इजरायल पर संकट आया तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भाषा भी बदलने लगी है. जहां वर ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की धमकी दे रहे थे वहीं वह अब उनकी भाषा थोड़ी नरम होती दिख रही है.
ट्रंप दुनिया के सामने इजरायल की ही कमियों को उजागर करने लगे हैं. हाल ही में उनसे इजरायल के समर्थन में अमेरिकी सेना को भेजने की संभावनाओं पर पूछे जाने पर ट्रंप ने इसे आखिरी विकल्प बताया. ट्रंप ने कहा कि अभी हमारे पास दो हफ्ते का समय है यानी दो हफ्तों तक अमेरिका इजरायल की मदद के लिए अपनी सेना नहीं भेजने वाला है. जिसने इजरायल की चिंता बढ़ा दी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने दावा किया है कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी क्षमता है और वह कुछ ही दिनों में न्यूक्लियर बम बना सकता है. ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने के सभी जरूरी सामान उपलब्ध है.
अगर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध और लंबे समय चलता है तो दुनिया में अस्थिरता तेजी से बढ़ेगी तेल दामों में और तेजी से बढ़ सकते है. दुनिया भर में मंहगाई बढ़ सकती है. वहीं इस युद्ध में रूस ईरान के खेमे में जाता दिख रहा है. पुतिन ने कहा कि ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल का पूरा हक है. कोई भी देश अपनी सुरक्षा के नाम पर दूसरों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकता.