उत्तर प्रदेश में आए दिन योगी सरकार रामराज्य की बात करती है. उसी उत्तर प्रदेश में एक ऐसी जातीय भेदभाव की सामने आई है जिसने सभी को शर्मसार कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
दअरसल उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के अंतर्गत ग्राम दादरपुरा में दिनांक 22 जून 2025 को कथावाचक मुकुटमणि यादव और उनके एक सहयोगी संत कुमार यादव से उसकी जाति पूछकर ब्राह्मण समाज के लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की. कथावाचक और उसके सहयोगी ब्राह्मण बहुल गांव में कथा करने गए थे. जहां ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने उनका नाम पूछा जहां जब कथावाचक और उसके सहयोगी के यादव समाज से बताया तो उन्हें बंधक बनाकर पीटा गया और बदसलूकी की गई.
ब्राह्मण समुदाय के लोग यहीं नहीं रुके उन्होंने कथावाचक का सिर मुंडवा दिया और महिला के जबरदस्ती पैर छुए और नाक भी रगड़वाई. कथावाचक ने बताया कि उनके ऊपर महिला के पेशाब से छिड़काव किया गया था. इस पूरी घटना के कई वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए गए. सोशल मीडिया इस घटना से जुड़ी वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित देश के तमाम लोगों ने इस घटना की कृत्य की आलोचना की.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए लिखा, “इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई.”
उन्होंने आगे लिखा, “हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे.पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं!”
अखिलेश यादव द्वारा आरोपियों को कार्रवाई न होने पर बड़े प्रदर्शन की चेतावनी देने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत कथावाचक के साथ बदसलूकी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्र आजाद ने इस घटना को बहुजन समाज के लोगों पर जाति पूछकर सुनियोजित हमला बताया. उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी देते हुए लिखा, “बहुजन समाज के लोगों के साथ घोर मारपीट की गई. उनका सिर जबरन मुंडवा दिया गया,ज़मीन पर पैरों में सिर रखकर नाक रगड़वाई गई. एक महिला का मूत्र उनके शरीर पर छिड़का गया. पैसे ले लिए और 25,000 रुपए का ’जुर्माना’ लगाया गया. यह न सिर्फ शर्मनाक जातंकवादी हिंसा है, बल्कि बहुजन समाज के आत्मसम्मान, संविधान और मानवता पर एक सीधा हमला है इसे किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से चार मांगे भी रखी
1.सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और उन्हें बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के सख्त सजा दी जाए.
2.FIR में SC/ST Act की कठोर धाराएं लगाई जाएं.
3.पीड़ितों को सरकारी सुरक्षा और कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.
4.इस मामले की निगरानी हाई लेवल ज्यूडिशियल कमेटी द्वारा कराई जाए.
वहीं इस कृत्य में शामिल 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.