तीन तलाक न्याय का मामला है मगर सबरीमाला आस्था का मामला। ये बोल हैं PM मोदी के। क्या अपने पीएम मोदी का इंटरव्यू देखा
सॉरी,
क्या आपने पीएम मोदी की हिप्पोक्रेसी देखी!
देखें- नए साल पर नया बवाल।
मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रोग्रेसिव बने पीएम मोदी। हिन्दू महिलाओं के लिए दकियानूस हो गए।
मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने का दावा करने वाले मोदी। हिन्दू महिलाओं के न्याय के खिलाफ हो गए। कट्टर मर्दवादियों के खेमे में आ गए।
तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने वाले सबरीमाला पर इसी कोर्ट के खिलाफ ही गए। सर्वोच्च अदालत कह रही है महिलाओं को सबरीमाला में जाने का अधिकार है। मगर सबसे जिम्मेदार पद पर बैठा आदमी कह रहा है ये पाबंदी आस्था का मामला है।
ये वही बोल हैं जो सबरीमाला के बाहर खड़े दंगाई बोलते हैं। महिलाएं मंदिर जाना चाहती हैं तो हिंसा फैला रहे हैं।
मोदी जी ये आस्था का मामला नहीं है। ये अंधविश्वास का मामला है। ये मर्दवाद का मामला है। आपके लोगों द्वारा फैलाए गए उन्माद का मामला है।
एक तरफ समाज सेवा और दूसरी तरफ दकियानूसी!
मोदी जी, एक हिप्पोक्रेसी तो है आपमें। आखिर इतना दोगलापन लाते कहां से हैं।
खैर, खबर आ रही है सबरीमाला में दो महिलाएं एंटर कर गई, वो भी 50 साल से कम उम्र की, जिनसे शायद आप लोगों को घिन आती है, जिनपर आप पाबंदी लगाते हैं।
औरतों ने संदेश दे दिया है की वही करेंगी जो करना है। मंदिर जाना है या नहीं जाना है, वो खुद तय कर लेंगी। मर्दवादी हिंदू हों या मुसलमान, अब अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगी।
क्योंकि बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार
सिर्फ पॉलिटिक्स करती है मोदी सरकार,
अब आधी आबादी बनाएगी अपनी सरकार।

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