गोरखपुर कचहरी में गोली मारकर एक लड़के की सरेआम हत्या कर दी गई और मीडिया इसपर जश्न मनाने लगा क्योंकि मरने वाले का नाम दिलशाद था।

बिना मामले की जांच पड़ताल किए मीडिया उसे बलात्कारी और लव जिहादी बताने लगा क्योंकि उसके नाम के आगे टाइटल ‘हुसैन’ लिखा हुआ था। एक प्रेमी की सच्चाई जाने बिना मीडिया ने उसे दरिंदा घोषित कर दिया क्योंकि वो एक मुसलमान था।

और इज़्ज़त के नाम पर हुई दिलशाद की मौत पर देशभर में चुप्पी छाई हुई है क्योंकि वो एक गरीब मुसलमान था। इस मुल्क़ में मुसलमान होकर बेदाग़ जीना आज के दौर में दूभर हो गया है, ये तो सबको पता है।

मगर मरने के बाद भी किसी मुसलमान को दागदार बना देने की जो साज़िश चल रही है, क्या इसके बारे में आपको पता है?

आइए दिखाते हैं मीडिया की इसी करतूत को, कि कैसे मज़हब देखकर पीड़ित को दरिंदा बता दिया जा रहा है। पहले इन खबरों की हेड लाइन पर नजर डालिए और समझिए दिलशाद की मौत का कैसे तमाशा बनाया जा रहा है।

सांप्रदायिकता में सबको पीछे छोड़ देने वाला चैनल सुदर्शन न्यूज़ लिखता है-

“पिता ने गोली मारकर बलात्कारी, लव जिहादी का लिया प्रतिशोध, जानिए क्या है पूरा मामला।”

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