दिल्ली चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) दहाई का आंकड़ा भी छूने में नाकाम रही। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी की इस हार के पीछे एक वजह उसके नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान भी रहे।
बीजेपी नेताओं ने जहां-जहां भड़काऊ बयान दिए वहां-वहां बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के जिन तीन विधानसभा इलाकों में प्रचार के दौरान भड़काऊ बयान दिए वहां बीजेपी का सूपड़ा साफ़ हो गया।
इन तीनों सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। रिठाला विधानसभा इलाके में प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने लोगों से ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को’ का नारा लगवाया था। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के महिंदर गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी मनीष चौधरी को 13,994 वोटों से शिकस्त दी है।
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वहीं विकासपुरी विधानसभा इलाके में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा था कि अगर बीजेपी हारती है तो शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी घरों में घुसकर बहन-बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे। यहां आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव बीजेपी उम्मीदवार संजय सिंह से 31,513 वोटों से आगे चल रहे हैं।
इसके साथ ही मादीपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां प्रचार के दौरान प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी बताया था। यहां बीजेपी प्रत्याशी को 22,753 वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
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कुछ ऐसा ही नज़ारा मॉडल टॉउन विधानसभा सीट पर भी देखने को मिला जहां भड़काऊ बयान देने वाले बीजेपी प्रत्याशी कपिल मिश्रा को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। ऐसा नहीं है कि बीजेपी नेताओं के इन भड़काऊ बयानों का असर सिर्फ इन्हीं सीटों पर देखने को मिला।
जानकारों की मानें तो बीजेपी नेताओं के इन भड़काऊ बयानों ने दिल्ली में पार्टी की इस बदहाली में अहम भूमिका निभाई। लोगों का कहना है कि अगर बीजेपी ने प्रचार के दौरान सांप्रदायिक बयानबाज़ी की जगह मुद्दों पर बात की होती तो उसकी हालत बेहतर हो सकती थी।