ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी में मारे गए टीचर ‘कारी इकबाल’ को आतंकवादी बताना और फेक न्यूज फैलाना Zee News और News 18 India भारी पड़ गया. जम्मू कश्मीर की एक स्थानीय अदालत ने कथित रूप से झूठी और मानहानिकारक खबरें खबरें प्रसारित करने के आरोप में Zee News और News 18 India के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने दोनों टीवी चैनलों पर 5–5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है.

यह आदेश पुंछ की अदालत ने 28 जून को मृतक टीचर के परिवार की ओर से वकील शेख मोहम्मद सलीम की शिकायत पर दिया. सलीम ने बताया कि दोनों चैनलों ने बिना किसी जांच पड़ताल के मनगढ़ंत तरीके से एक स्थानीय टीचर को आतंकवादी बता दिया था. पुंछ ने कोर्ट ने पुलिस को BHS, 2023 के तरह मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने अदालत में तर्क दिया कि यह प्रसारण दिल्ली से हुआ था. इसलिए यह मामला अदालत के कार्य क्षेत्र से बाहर का है. अदालत ने पुलिस की आपत्ति को खारिज करते हुए इसे ’गंभीर पत्रकारिता कदाचार’ बताया.

अदालत में इस तरह की रिपोर्टिंग को मानहानि, सार्वजनिक उपद्रव और धार्मिक को आहत करने वाला माना है. जो कि भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत दंडनीय अपराध माना जाता है.

कोर्ट ने कहा, “मृतक शिक्षक को बिना किसी वेरिफिकेशन के पाकिस्तानी आतंकवादी के रूप में बताना गलत है. इसे केवल पत्रकारिता की चूक के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता है. ये हरकत सार्वजनिक शरारत और मानहानि के बराबर है. जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हो सकता है, सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है. साथ ही मृतक की प्रतिष्ठा कमजोर हो सकती है.”

आपको बता दे की 37 वर्षीय टीचर कारी मोहम्मद इकबाल पुंज के रहने वाले थे और 7 मई को पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी में उनकी जान चली गई थी. इसके बाद उनकी तस्वीरों को दिखाकर CNN न्यूज 18 ने उन्हें आतंकवादी बता दिया था.

वहीं जी न्यूज़ में इकबाल को इन की मोस्ट वांटेड आतंकवादी बता दिया था. इन दावों को पुंछ पुलिस ने खारिज करते हुए स्पष्ट किया था कि मृतक इकबाल का किसी भी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं था. पुंछ पुलिस ने झूठ फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही थी. बाद में फेक न्यूज़ फैलाने के लिए इन चैनलों ने माफी भी मांगी थी.

The Wire की एक रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने Zee News, News 18 व कुछ नेशनल टीवी चैनलों के कुछ एंकरों और संपादकीय कर्मियों के खिलाफ भी FIR का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया से प्रतिक्रिया आई

पत्रकार मुकेश कुमार ने कोर्ट के आदेश को अच्छा फैसला बताते हुए लिखा, “जम्मू कश्मीर के पुंछ की स्थानीय अदालत ने जो किया है अगर वह देश भर की अदालतें करने लगें तो मीडिया की आधी बुराइयां खत्म हो सकती हैं. पुंछ की अदालत ने ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 18 पर 5 करोड़ का जुर्माना ठोंका है और दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करने के लिए कहा है.”

उन्होंने आगे लिखा, “ज़ी न्यूज़ और न्यूज़18 इंडिया ने ऑपरेशन सिंदूर की लाइव रिपोर्टिंग के दौरान स्थानीय टीचर को “कुख्यात कमांडर” के रूप में पेश किया और बिना किसी पुष्टि के उन्हें आतंकवाद से जोड़ दिया.=यही नहीं, खबरों में उनकी तस्वीर दिखाई और पूरा नाम भी बताया गया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और उनके परिवार को गंभीर नुकसान पहुंचा. बाद में सच्चाई सामने आने पर इन चैनलों ने अपनी कवरेज वापस ले ली, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था.”

पत्रकार सौरभ ने लिखा है, “जम्मू कश्मीर के पुंछ की अदालत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फर्जी खबर चलाने को लेकर ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 18 पर 5 करोड़ का जुर्माना ठोंका है और दोनों के खिलाफ FIR भी दर्ज करने के लिए कहा है। ऐसा अगर सभी अदालतें करने लगें तो गोदी मीडिया औकात में आ जाएगा”

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