अहमदाबाद प्लेन हादसे से पूरा देश दुखी है. दुनिया भर के लोगों ने इस भयानक दुर्घटना पर अपना दुख जताया. घटना के तुरंत बाद देश के नागरिक और उड्डयन मंत्री राम बाबू नायडू ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरी स्थिति का जायजा लिया. इस घटनास्थल का मुआयना करने के बाद मंत्री जी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर घटनास्थल का जायजा लेते हुए म्यूजिक साथ एक रील डाली. जिसको लेकर उनकी जमकर आलोचना हो रही है. इस दुख की घड़ी में मंत्री जी द्वारा रील डालना लोगों को पसंद नही आया.
Civil Aviation Minister Ram Mohan Naidu criticized for his reel post on Ahmedabad Air India plane crash
उड्डयन मंत्री द्वारा रील पोस्ट कोई जाने के बाद कांग्रेस पार्टी सहित तमाम लोगों ने मंत्री जो तो असंवेदनशील तक बता दिया.
कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू की उसी रील को शेयर करते हुए लिखा उन्हें असंवेदनशील मंत्री बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “असंवेदनशील मंत्री! एक और भाजपा के ‘Reel’ मिनिस्टर को देखिए. पूरा देश शोक मना रहा है और ये केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ‘म्यूजिक’ के साथ वीडियो डाल रहे हैं. इतनी बड़ी त्रासदी हुई है और ये लोग रील बना रहे हैं! शर्मनाक!”
पत्रकार दयाशंकर इस घटना पर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू सरकार से सवाल पूछा. उन्होंने लिखा, “अहमदाबाद विमान हादसे में 229 यात्रियों के साथ हॉस्टल पर विमान गिरने से 27 नागरिकों की भी मौत हो गई. अब तक सरकार की ओर से जवाबदेही की कोई बात नहीं की गई. हाँ, नागरिक उड्डयन मंत्री ने एक म्यूज़िकल रील ज़रूर बनाई है.”
उन्होंने आगे लिखा, “दुनिया का सबसे आधुनिक विमान, सबसे अच्छे पायलट, अच्छा मौसम फिर विमान कैसे क्रैश हो गया. हमें याद रखना है. केंद्र सरकार ने 13 मार्च 2024 को लोकसभा में माना था तकनीकी खराबी के चलते हर महीने औसतन 19 उड़ानें प्रभावित होती हैं. 2024 में ऐसी 229 घटनाएं हुई थीं।।देश में 105 विमान 15 साल से ज़्यादा पुराने हैं. 88 विमान 10-15 साल पुराने हैं.”
दयाशंकर ने सरकार से जवाब मांगते हुए लिखा, “याद रखिएगा सवालों को टालने की कोशिश लगातार जारी है. ट्रेन हादसों के वक़्त भी यही हुआ था. इसलिए, सवाल जारी रहने चाहिए! सरकार को ज़िम्मेदारी से सवालों के जवाब देने चाहिए. नेताओं की रील और अच्छी तस्वीरें खिंचवाने से हादसे नहीं रुकेंगे.”
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने लिखा, “नागरिक उड्डयन मंत्री राम बाबू नायडू के लिए विमान दुर्घटना भी प्रचार का अवसर है. रील के लिए बाकायदा शूटिंग की और फिर एडिटिंग करवाकर उसे रिलीज़ किया. मंत्री जी में अगर थोड़ी भी शर्म होती तो इस्तीफे की घोषणा करते मगर इस सरकार की संस्कृति में जवाबदेही नहीं है बल्कि आपदा में अवसर ढूंढ़ना है.
पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने लिखा, “नागरिक उड्डयन मंत्री विमान हादसे के बाद अहमदाबाद में दौरा करते हुए म्यूज़िकल रील बनाना नहीं भूले! देश की सबसे बड़ी विडंबना यही है. जवाब की जगह रील.
पत्रकार रणविजय सिंह ने लिखा, “ये बात तो आपको माननी पड़ेगी मोदी जी के ये वाले मंत्री, ‘रील मंत्री’ से भी अच्छी रील बना रहे हैं. रील में कैसी धुन होनी चाहिए, कैसे लोगों को भावुक कर देना है, ये इन्हें बखूबी आता है. जहां इतने लोग मर गए हों, उस जगह पर खड़े होकर रील बनाना.. लाजवाब!..
वहीं ट्विटर यूजर सौरभ ने उड्डयन मंत्री की रील पर मीडिया तंज कसते हुए लिखा, पहले और अब में कितना फर्क रह गया है. पहले घटना घटती थी और कपड़े बदलने पर गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता था. अब मंत्री रील बना रहे हैं और मीडिया एक सवाल तक नहीं पूछ पा रहा है. ये सबसे डरपोक मीडिया है.