22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार पहलगाम हमले में जिन तीन लोगों का स्केच जारी किए गए थे वो गलत है. उनमें से एक भी आतंकी उस हमले में शामिल नहीं था. NIA की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देशभर में हंगामा मच गया है.

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा पहलगाम हमले के संबंध में 3 आतंकियों के स्केच जारी किया गया था. उनके नाम हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा और आदिल हुसैन ठोकर बताया गया था जो गलत साबित हुआ है. असली हमलावर की पहचान सुलेमान शाह के रूप में हुई है.

वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम हमले में शामिल 3 आतंकियों को पनाह देने और मदद मुहैया कराने के आरोप में 2 स्थानीय कश्मीरी नागरिकों परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार की गिरफ्तारी के बाद किया है. NIA के अनुसार हमले में शामिल तीनो आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे. तीनों आतंकवादियों के तार लश्कर–ए–तैयबा से जुड़े थे. NIA ने दोनों को 5 दिन की हिरासत में ले लिया है. इस दोनों कश्मीरी नागरिकों के खिलाफ अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) 1970 की धारा 19 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

NIA के इस खुलासे के बाद कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है और पूछा है कि पहलगाम हमले के असल गुनहगारों को कब मौत के घाट उतारा जाएगा.

कांग्रेस ने इस घोर लापरवाही पर सवाल करते लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद मोदी सरकार ने तीन आतंकियों के स्केच जारी करवाए थे. अब इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जो स्केच जारी किए गए उनमें से एक भी आतंकी पहलगाम हमले में शामिल नहीं था. दरअसल, 4 दिसंबर 2024 को जुनैद नाम के एक आतंकी को मारा गया था, उसके फोन से एक तस्वीर मिली थी, उसी के आधार पर जल्दबाजी में आतंकियों के स्केच जारी किए गए.”

कांग्रेस आगे सवाल पूछा, “पहलगाम जैसे नृशंस आतंकी हमले की जांच में मोदी सरकार द्वारा ऐसी लापरवाही क्यों बरती गई? क्या ये नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का हेडलाइन मैनेजमेंट का तरीका था, ताकि ये दिख सके कि सरकार इस पर कुछ कर रही है? हमले के तुरंत बाद जल्दबाजी में मोदी सरकार ने बिना वेरिफाई करवाए ये स्केच क्यों जारी किए? क्या पुलिस पर स्केच जारी करने के लिए कोई ‘ऊपरी दबाव’ था? आखिर पहलगाम हमले में शामिल आतंकी कहां छिपे हैं, वो कौन हैं और उन आतंकियों को कब मारा जाएगा?”

कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, “पहलगाम हमले के बाद जिन आतंकियों के स्केच सरकार ने जारी किए थे, वो असल में पहलगाम के दरिंदे थे ही नहीं. आनन फानन में लीपापोती करने के लिए किन्हीं और आतंकियों की तस्वीर निकाल दी गई? तो 2 महीने से ढूंढा किसे जा रहा है? सरकार चल रही है या सर्कस?”

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक ने लिखा, “उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री ने एक अंतर्राष्ट्रीय चैनल को इंटरव्यू में ये दावा किया था कि हमने आतंकवादियों की पहचान कर ली है.

अब उनका ये दावा भी गलत साबित हुआ है.”

पत्रकार रणविजय सिंह ने लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिन आतंकियों के स्केच जारी हुए, उनके से एक भी आतंकी हमले में शामिल नहीं है. मतलब ये स्केच उन आतंकियों के हैं ही नहीं, जिन्होंने हमारे लोगों को धर्म पूछकर मारा. इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?

युवा पत्रकार कृष्ण कांत ने NIA के खुलासे के बाद सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, “पहलगाम में नरसंहार किया किन्हीं और लोगों ने और स्केच किन्हीं और का जारी हो गया. जिनके स्केच जारी हुए, वे हमला करने वाले आतंकियों के नहीं हैं. हमारी सरकार आपकी सुरक्षा को लेकर इतनी गंभीर है! मेरी तो आंख भर आई!”

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