पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. जिसके बाद पाकिस्तान ने पानी के लिए युद्ध तक की धमकी दे दी थी. ये मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि चीन ने भारत को बड़ा झटका देते हुए भारत में आ रहे सतलुज नदी के पानी को 75 फीसदी पानी को रोक दिया है. नवभारत टाइम्स ने एक शोधकर्ता के दावे के माध्यम से एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भूमस्थानिक शोधकर्ता और NASA के पूर्व स्टेशन मैनेजर डा. वाय नित्यानंद ने सतलुज नदी में हो रहे जल प्रवाह के सेटेलाइट आंकड़ों पर हाल ही में एक रिसर्च की है. रिसर्च के डाटा में इस बात की सतलुज नदी में पानी के प्रवाह में भारी कमी देखी गई है. यह पानी की कमी सतलुज के तिब्बत से भारत में प्रवेश करने के बाद देखी जा रही है. नित्यानंद का दावे के अनुसार सतलुज नदी से भारत में आने वाले पानी के प्रवाह में पिछले 5 सालों में 75 फीसदी कमी देखी गई है. उनका दावा है कि सतलुज नदी से भारत में आने वाले 8 हजार गीगा लीटर से घटकर 2 हजार गीगामीटर रह गया है. जिसका डेटा शेयर करते हुए उन्हें यह सवाल उठाया कि क्या चीन द्वारा भारत का पानी रोका जा रहा है?
सतलुज नदी में पानी की भारी कमी के मुख्यत: दो कारण हैं पहला चीन द्वारा पानी के बहाव को रोकना व दूसरा प्राकृतिक कारण हो सकते हैं. दूसरी संभावना बहुत ही कम है क्योंकि ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं उस हिसाब से नदी में पानी घटने के बजाय बढ़ना चाहिए.
चीन ने तिब्बत के जादा गॉर्ज में बांध और पनबिजली ढांचा बनाया है जिसके माध्यम से वह भारत में आने वाले वाले पानी को कंट्रोल कर सकता है. ये भारत के लिए चिंता का विषय है. आपको बता दें कि चीन के तिब्बत से निकलकर सतलुज नदी शिपकी ला दर्रे को पार करते हुए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है. यह भारत के लिए चिंता का विषय है.इससे भारत को कृषि भूमि की सिंचाई व पेयजल कमी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस मामले पर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक प्रक्रिया नहीं आई है.
वहीं चीन की इस हरकत पर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग सवा उठा रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले पर सरकार को घेरते हुआ लिखा, “मोदी जी, चीन को लाल आंख कब दिखाओगे? चीन सतलुज नदी से आने वाले भारत के पानी को चुपचाप रोक रहा है. सतलुज नदी के जल प्रवाह में 75% की कमी आई है. चीन को लाल आंख दिखाने का जुमला देने वाले मोदी जी वहां के राष्ट्रपति को झूला झुला रहे थे और आज चीन अपनी सभी सीमाएं पार करते जा रहा है”
इस पूरे मामले पर इतिहासकार अशोक कुमार पांडेय ने लिखा, “यह बहुत चिंतित करने वाली खबर है। पहले ही चीन के एक बांध प्रोजेक्ट से नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स के लिए मुश्किलें बढ़ने की खबर आई थी. धमकी के बावजूद सिंधु का पानी हम नहीं रोक पाए और चीन उल्टे हमारा ही पानी रोक रहा है!”
दुष्यन्त नागर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान पर बवाल और चीन पर खामोशी? सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलुज, भारतीय उपमहाद्वीप में बहने वाली यह तीनों नदियां तिब्बत के पठार से निकलते हुए हिमालय के पर्वत से बहते हुए भारत में आती हैं. चीन ने काफी हद तक सतलुज नदी का पानी रोक दिया है. ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी का भी पानी रोकने के लिए भी चीन कार्य कर रहा है. मोदी सरकार पाकिस्तान का पानी रोकने की फर्जी बात करती है. किंतु चीन हमारी नदियों का पानी रोक रहा है. इस पर पूरी भाजपा सरकार चुप रहती है.”
एक ट्विटर यूजर मंजीत सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, “चीन ने पानी रोका है और हमारी सरकार अभी तक इस मुद्दे पर देश की जानकारी ही नहीं दी. आपको निराश होने की जरूरत नहीं है इस बार विदेश मंत्री जयशंकर जी आँखो से लाल नहीं नीली रोशनी निकालकर चीन को डरा देंगे”