7 मई की रात में भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले किए जिसको भारत के डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह से नाकामयाब कर दिया. 8 मई को जब भारतीय आर्मी पाकिस्तान को करार को करारा जवाब दे रही थी तो अदाणी ग्रुप की कंंपनी अदाणी डिजिटल लैब्स (ADL) जो ने चीन के कंपनी के साथ साझेदारी कर रही. जिसके खबर वाय वायरल होने बाद से लो अदाणी ग्रुप की आलोचना कर रहे हैं.
दरअसरल अदाणी डिजिटल लैब्स (ADL) अदाणी ग्रुप की डिजिटल इनोवेशन शाखा है. जो उपभोक्ताओं के लिए जरूरी सेवाओं के साथ अनुभव को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करती है. 8 मई को अदाणी डिजिटल लैब्स ने चीन की ड्रैगनपास कंपनी से साझेदारी की है. अदाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) और अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के तहत अदाणी द्वारा संचालित हवाई अड्डों के डिजिटल विस्तार के रूप में ADL यात्रा और हवाई अड्डे के भविष्य को आकार देने में एक रणनीतिक भूमिका निभाता है.
अदाणी समूह द्वारा चीनी कंपनी के साथ साझेदारी करने के बाद गौतम अदाणी एक बार फिर से घिरते हुए नजर आ रहे हैं. लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहा था तो अदाणी चीन के साथ साझेदारी में व्यस्त था. भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति में चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ खड़ा था और चीन के हथियारों से भारत पर हमला कर रहा था.
आपको बता दें अदाणी समूह पर निवेशकों को गुमराह करने के वाले केस का आरोप अमेरिका में चल रहा है. नवंबर 2024 में अमेरिका की जांच एजेंसियों ने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के खिलाफ भारतीय बिजली आपूर्ति अनुबंध हासिल करने रिश्वत देने का आरोप लगाया था. अमेरिकी एजेंसियों का दावा था कि अदाणी समूह ने फंड जुटाने के दौरान अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगा था.
लेखक अशोक कुमार पांडे ने लिखा, “देश में युद्ध जैसे हालात थे, चीन खुलकर पाकिस्तान के साथ था और अदानी ड्रैगनपास यानी एक चीनी कंपनी के साथ समझौता कर रहे थे”.
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबेके एक ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, “अदाणी को भी बैन करना चाहिए. वह चीन के साथ कारोबार कर रहा है जो पाकिस्तान की मदद कर रहा है. चीन को दोस्त भारत का दुश्मन है. इस दुश्मन को भी सबक़ सिखान ज़रूही है. ठीक है न डूबे जी.”
एक ट्विटर यूजर मिथिलेश घर ने लिखा, “8 मई को जब देश में युद्ध जैसे हालात थे, तब पाकिस्तानी का खुलकर समर्थन करने वाले चीन की एक कंपनी के साथ हमारे अडानी साहब पार्टनरशिप कर रहे थे. युद्ध के बीच ही ये खबर आई. चीन की ये कंपनी अडानी के साथ मिलकर एयरपोर्ट का काम करेगी.बस सोशल मीडिया पर बॉयकॉट चीन लिखने से कुछ नहीं होगा”
ट्विटर यूजर कृष्णकांत ने लिखा, “चीन खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है और आदरणीय अडानी जी चीनी कंपनी के साथ समझौता कर रहे हैं. अब चीनी कंपनी हमारे सभी एयरपोर्ट पर मौजूद होगी. बधाई हो! यह न्यू इंडिया है. यहां अब देश नहीं, व्यापार बड़ा है”
कांग्रेस नेता गौरव पिंडी ने लिखा, “चीन खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन करता है, और भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बीच अदाणी ड्रैगनपास के साथ साझेदारी की घोषणा की, जो चीन के ग्वांगझोउ में मुख्यालय वाली एक चीनी कंपनी है. पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीनी गोला-बारूद का इस्तेमाल किया है और अदाणी हमारे हवाई अड्डों तक एक चीनी कंपनी को पहुँच दे रहा है”.
ट्विटर यूजर विष्णु जायसवाल ने लिखा, “इन लोगों को देश से मतलब नहीं है यह सिर्फ भारत में पैसा कमा रहे हैं अगर भगवान ना करें देश में कोई आपदा आ गई तो यह लोग अपने परिवार के साथ सीधा स्विट्जरलैंड में जाकर बस जाएंगे और मरेंगे तो हम गरीब लोग फिर भी लोगों का आंख नहीं खुल रहा है पता नहीं तब जागरूक होंगे लोग”