चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दिए गए बयान पर उनकी मुश्किलें कम होती  नजर नहीं आ रही हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डालकर सोशल मीडिया पर न्यायपालिका के खिलाफ के अपमानजनक टिप्पणी और पोस्ट व वीडियो हटाने की मांग की गई है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले सप्ताह विचार करने पर पर सहमति जताई है.

याचिकाकर्ता ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ दिए गए बयानों का हवाला देते हुए जस्टिस बीआर गवई के से तुरंत सुनवाई की मांग की है.

आपको बता दें के हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति/ राज्यपालों को लेकर दिए निर्देश और वक्फ संशोधन एक्ट के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में देश में गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार और धार्मिक दंगों को भड़काने वाला बताया था. जिसका समर्थन कुछ बीजेपी नेताओं ने भी किया था. 

याचिकर्ता के वकील ने कहा कि “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ किसी सांसद ने सीजेआई को गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार बताया हो. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है. सोशल मीडिया पर सुप्रीम के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया जा रहा है”

वकील ने यह भी बताया कि अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को पत्र भेजे गए हैं जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई.

वकील ने आगे कहा कि नेताओं के इस तरह के बयानों से कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंच रही है. इस मामले में सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. ये वीडियो पूरे देश में वायरल हो चुका है. जिसपर जस्टिस गवई ने अगल सप्ताह विचार करने की बात कही है.

इस पूरे मामले पर एडवोकेट-ऑन- रिकॉर्ड (AoR) ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्रवाई शुरू करने लिए अनुमति मांगी है.

 

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