पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से देश में सुरक्षा व्यवस्था और सरकार की नाकामी पर की तरह के सवाल उठ रहे हैं. एशियन एज अखबार में दो पत्रकारों राकेश के सिंह और अमरेश श्रीवास्तव ने मिलकर एक रिपोर्ट छापी है जिसने पहलगाम के हमले की पुोल खोल सच्चाई सबके सामने खोल दी है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पहलगाम में हुआ हमला पूरी तरह से खुफिया विफलता, सुरक्षा बलों की कमी और घोर लापरवाही का नतीजा है.
केन्द्र शासित प्रदेश में सुरक्षा और परिचालन की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है. रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि यूनीफाइड कमांड सुरक्षा की स्थिति का सही से मूल्यांकन करने की बजाय कश्मीर में हालात सामान्य बताने में जोर दिया जा रहा है.
खुफिया एजेंसिया जमीनी हालात से बिल्कुल बेखबर हैं और आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रही हैं. आपको बता दें कि यूनीफाइड कमांड की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल करते हैं. जिसमें सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बलों, आईबी, रॉ सहित कई खुफिया एजेंसी शामिल हैं. इस पूरी घटना पर अखबार ने कई तीखे सवाल किए हैं.
अखबार ने दावा किया कि बैसरन घाटी जहां पर्यटकों की मौत हुई वहां से में पहले सीआरपीएफ तैनात थी. लेकिन बाद में उसे हटा लिया गया. हमले के बाद त्वरित दस्ते की टीम सीआरपीएफ की 116 बटालियन थी. अखबार ने आगे बताया था कि बैसरन की जिस जगह पर हमला हुआ वहां केवल पैदल या खच्चर की मदद से जाया जा सकता है. जिस कारण पर्यटकों को निशाना बना बहुत ही आसान था.
इस रिपोर्ट के बाद पहलगाम में हुए हमले में सरकार की लापरवाही साफ झलकती दिख रही है. लोग सरकार से सवाल कर रहे है. इसी मुद्दे स्वतंत्र पत्रकार दीपक शर्मा ने कई कड़े सवाल पूछ डाले उन्हें एक्स पर लिखा,
किस उच्च अधिकारी के कहने पर CRPF को बैसरन पिकनिक स्पॉट से हटाया गया था ?
जिस स्पॉट पर एक-दो हजार पयर्टक रोज आते हों वहां से CRPF क्यों हटाई गई?
उस स्पॉट को सुरक्षा विहीन क्यों किया गया?
क्या गृह मंत्रालय और आईबी का आकलन बैसरन को लेकर गलत था और इस गलती ने आतंकवादियों को बड़ा मौका दिया?
इसी विषय पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ मुकेश कुमार ने सवाल किया कि क्या पहलगाम से सीआरपीएफ को इसलिए हटाया गया कि ताकि ऐसा हादसा हो जाए?
पुलवामा की जांच रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई है और इसलिए अब हर घटना पर लोगों को शक होता है कि वो घटी है या करवाई गई है.
इस तरह के गंभीर सवालों के जवाब अभी आने बाकी हैं. लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं. इस पूरी घटना का जिम्मेदार कौन है?