पत्रकारों और प्रवक्ताओं के बीच का फर्क लगभग मिटा देने वाले एक कथित पत्रकार हैं अमिश देवगन। इन्हें प्यार से ‘हिंदी का अर्नब गोस्वामी’ भी कहा जाता है।
अर्नब और अमिश में सिर्फ भाषा का फर्क है। अर्नब जिस कुतर्क को अंग्रेजी में चिल्लाते हैं, अमिश उसी काम को हिंदी में करते हैं। अमीश पीएम मोदी के मित्र अंबानी के न्यूज चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ में एंकर हैं।
हिंदू-मुस्लिम टॉपिक पर डिबेट कर बीजेपी के लिए माहौल बनाना इनका मुख्य काम है! लेकिन फिलहाल पुलवामा हमले के बाद से हर शाम पाकिस्तान पर टीवी स्टूडियो से हमला कर रहे हैं।
मोदी सरकार में देश पर 12 बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं, इसे लेकर अमिश प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से सवाल नहीं पूछ रहे… बस मुंह से पाकिस्तान पर हमला कर रहे हैं, युद्ध की घोषणा की बात कर रहे हैं।
ख़ैर, ये सब तो देखने की आदत हो गई है लेकिन इस बीच 19 फरवरी को अमिश ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिससे पत्रकारिता के छात्र सदमे में आ सकते हैं। अमिश खुद को काबिल पत्रकार समझने लगे हैं…
पहले अमिश का ट्वीट पढ़िए। अमीश लिखते हैं ‘कुछ तथाकथित को लगता है सबसे क़ाबिल वो सारी पत्रकारीता का बोझ इन्हीं पर हैं कोई इनको जगाओ क्योंकि यह अरसे से सो रहें हैं और देश जाग चुका है’
आम इंसान के लिए ये ट्वीट समझ पाना मुश्किल हैं। बड़े बड़े हिंदी के विद्वान भी शायद इसे डिकोड न कर सकें। क्योंकि अमिश ने जो लिखा है वो एक वाक्य है या दो समझ नहीं आ रहा। पूरे ट्वीट में कहीं कॉमा और फुलस्टॉप जैसी कोई चीज नहीं है… पता ही नहीं चल रहा वाक्य शुरू कहां से हो रहा है और खत्म कहां पर हो रहा है।
वाक्य भी शुद्ध नहीं है, हिंदी की तो कई गलतियां हैं। लेकिन अगर इन्हें छोड़ भी दिया जाए तो एक ऐसी गलती है जिसे नहीं छोड़ा जा सकता। हिंदी के शीर्ष मीडिया संस्थानों में से एक ‘न्यूज18इंडिया’ के सबसे वरिष्ठ एंकर्स में एक अमिश देवगन जो खुद को पत्रकार क्लेम करते हैं उन्हें ‘पत्रकारिता’ लिखना नहीं आता।
एक बार जरा फिर से उनके ट्वीट को ध्यान से पढ़िए… देखिए पत्रकारिता को ‘पत्रकारीता’ लिखा है अमिश देवगन ने। दर्शकों को न्यूज चैनल पर क्या कूड़ा कचरा देखने को मिल रहा है इसका अंदाजा अमिश देवगन के इस ट्वीट से लगाया जा सकता है।
https://boltahindustan.in/media-par-nazar/amish-devgan-even-cant-type-correct-spelling-of-journalism/