24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा के बाद क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया. वांगचुक की गिरफ्तारी का देश की सभी विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया. गृह मंत्रालय ने वांगचुक को लेह में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया है. इस मामले में लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक पर पाकिस्तान से जुड़े होने का गंभीर आरोप लगाया. जामवाल ने 27 सितंबर को लेह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा पर सवाल उठाया था.
डीजीपी ने पाकिस्तान से बताया कनेक्शन
27 सितंबर को लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीपी एस.डी.सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक पर की गंभीर आरोप लगाए. जामवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को गिरफ्तार किया था, जो सोनम वांगचुक के संपर्क में था. ये PIO उनके प्रदर्शनों के वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था. हमारे पास इसका रिकॉर्ड है.”
जामवाल ने सोनम वांगचुक विदेश यात्रा पर सवाल करते हुए दावा किया था कि सोनम वांगचुक ने पाकिस्तान में ‘डॉन’ मीडिया हाउस के एक इवेंट में हिस्सा लिया था. इसके अलावा वे बांग्लादेश भी गए थे. इन यात्राओं पर सवाल उठते हैं.
वांगचुक परिवार आरोपों को किया खारिज
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने इन आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि ये आरोप गलत हैं. सोनम हमेशा गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण विरोध करते हैं. पाकिस्तान यात्रा क्लाइमेट चेंज पर थी, जो विश्वविद्यालयों के निमंत्रण पर हुई. वहां उन्होंने भारत और पीएम मोदी की तारीफ की थी. ये सब उनकी गिरफ्तारी को जायज ठहराने की कोशिश है.
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद बहुत से लोग वांगचुक को सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं. कुछ लोग तो उन्हें देशद्रोही तक बता रहे हैं. जबकि अभी उनके ऊपर किसी तरह के आरोप साबित नहीं हुए हैं.
लेह अपेक्स बॉडी ने सरकार से पूछे सवाल
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और देशद्रोही बताने को लेकर लेह अपेक्स बॉडी (LAB) ने इसका कड़ा विरोध किया है और कहा है कि हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. 29 सितंबर को LAB ने हमें देशद्रोही कहना गलत है. अगर हम गलत थे, तो सरकार की एजेंसियां क्या कर रही थीं? ये सरकार की नाकामी छुपाने की कोशिश है.
क्या है LAB?
लेह अपेक्स बॉडी (LAB) लद्दाख के लेह जिले में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर काम करने वाला एक संगठन है. जिसकी स्थापना 2019 में हुई थी.