सोमवार को वक्फ बोर्ड अधिनियम 2025 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम प्रावधानों पर रोक लगा दी है. हालांकि सरकार के लिए राहत की बात यह कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे कानून को स्थगित करने से इनकार कर दिया. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने स्पष्ट किया कि कार्यपालिका किसी भी व्यक्ति के अधिकार तय नहीं कर सकती.
संसद में पास हुए वक्फ एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता मोहम्मद जावेद, असदुद्दीन ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अन्य याचिकाएं दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने द्वारा सुनवाई में कही गई अहम बातें
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड मामले की सुनवाई करते हुए वक्फ बोर्ड अधिनियम 2025 के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून पर प्रथम दृष्टया में विचार करते हुए कहा कि कानून के कुछ प्रावधानों पर संरक्षण की जरूरत है लेकिन संपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगाने का मामला नहीं बनता.
कोर्ट ने कहा कि बोर्ड का CEO मुस्लिम होना अनिवार्य है. राज्य वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा सदस्य किसी और धर्म के नहीं हो सकते. सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 4 से ज्यादा सदस्य किसी और धर्म के नहीं हो सकते.
नए कानून में वक्फ बोर्ड के 11 गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते थे.
नये वक्फ कानून में वक्फ बाय यूजर का सबसे ज्यादा विरोध हुआ था जिसमें यह प्रावधान था कि वक्फ बोर्ड के संबंधित फैसले पर जिला कलेक्टर निर्णय करे सकता था कि वह जमीन वक्फ की है या या नहीं. लेक अब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.
5 साल से मुस्लिम होने पर ही प्रॉपर्टी वक्फ करने वाली शर्त पर रोक पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. पहले प्रावधान था की 5 साल से ज्यादा समय से मुस्लिम धर्म मानने वाले ही अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को दे सकते हैं.
कांग्रेस ने फैसले का किया स्वागत
कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आज अपने अंतरिम आदेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के अपने संकल्प की पुष्टि की है. यही वह मुद्दा है जिसके लिए विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट खड़ा है. भाजपा ने एक विभाजनकारी कानून को ध्वस्त करने की कोशिश की थी.
जिसका उद्देश्य केवल सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना और उन मुद्दों को फिर से खोलना था जिन्हें भारत ने लंबे समय से सुलझा लिया था.”
खड़गे ने आगे लिखा, “कांग्रेस पार्टी हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त बिना किसी भय या पक्षपात के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ है. इसके विपरीत भाजपा संकीर्ण चुनावी लाभ के लिए समाज को विभाजित करने में माहिर है”
https://x.com/kharge/status/1967524756904911139?s=19
कांग्रेस नेता और कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी वक्फ बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, “वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, वह एक बड़ी जीत है. सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में जो अंतरिम रोक लगाई है, वह दर्शाता है कि अदालत ने कानूनों को लाने के पीछे सरकार की साजिश और मंशा को समझा है. यह अंतिम तो नहीं, लेकिन अंतरिम फैसला है. यह अच्छा फैसला है, जो बड़ी राहत है. हमारी यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. हम सरकार को उसकी साजिश में कामयाब नहीं होने देंगे, जिसमें वह वक्फ की जमीनें लूटकर धन्ना सेठों को सौंपना चाहती है.“