बिहार में चुनाव आयोग (EC) द्वारा किए जा रहे रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. जिसको लेकर चुनाव आयोग निशाने पर है. चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में एक ही पते पर 269 वोटर नाम सामने आए हैं. इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद काफी हंगामा मचा गया है.
क्या है पूरा मामला?
चुनाव आयोग द्वारा बिहार में कराई गई SIR प्रक्रिया के बाद से जारी की गई नई वोटर लिस्ट में कई गड़बड़ियां देखने को मिल मिल रही हैं. मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा के भगवानपुर दक्षिण में बूथ नंबर 370 की ड्राफ्ट मतदाता सूची में में मकान नंबर 27 में 269 वोटरों के नाम दर्ज है. खास बात यह है कि उस मकान में सभी जाति और धर्म के लोग के नाम शामिल है.आपको बता दें कि भगवानपुर दक्षिण के ‘उत्क्रमित मध्य विद्यालय बूथ’ पर कुल 629 वोटरों के नाम दर्ज हैं. जिसमें से 269 यहां लगभग 43 फीसदी मतदाता एक ही पते पर दर्ज है. चौकाने वाली बात यह है कि इस वोटर लिस्ट में ठाकुर, यादव, मियां, पीटर, राय, अग्रवाल, वर्मा और श्रीवास्तव जैसे टाइटल वाले मतदाता शामिल हैं. इस खुलासे के बाद चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स में हुआ खुलासा?
मीडिया ने जब मकान संख्या 27 में रहने वाली राजकली देवी से बात की तो उन्होंने कहा कि केवल वही मतदान केंद्र संख्या 370 पर वोट करती हैं. महिला ने मीडिया से बताया कि वह यादव समुदाय से आती हैं और बाकी अन्य लोग दूसरे अन्य मतदान केन्द्र में वोट डालते हैं.
ऐसे में विपक्ष द्वारा बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर जाहिर की जा रही चिंता सही साबित होती नजर आ रही है. सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि एक ही पते पर 269 लोगों का नाम कैसे जोड़ दिया गया? क्या किसी अधिकारी ने इन नामों को सत्यापित नहीं किया? क्या यह केवल गलती है या किसी के कहने पर यह नाम एक ही पते पर जोड़े गए?
कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग और बीजेपी निशाना साधते हुए लिखा, “मुजफ्फरपुर का एक जादुई घर एक ही घर में 269 वोटर- जिसमें अलग-अलग जाति, धर्म के लोग शामिल हैं। घर की बुजुर्ग महिला ने बताया- मैं इस घर से इकलौती वोटर हूं। ये साफ तौर पर चुनाव चोरी है- जिसे BJP और चुनाव आयोग मिलकर अंजाम दे रहे हैं.”