महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी को लेकर चल रहे संग्राम के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक फैसले ने सबको चौंका दिया है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से प्रदेश में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है.

विधानसभा सत्र के आखिरी दिन महायुति सरकार ने महाराष्ट्र सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर कर दिया है. सत्ता पक्ष इसे ‘हिंदुत्व की जीत’ तो वहीं विपक्ष इसे लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने का हथकंडा बता रहा है.

कांग्रेस के विधायक असलम शेख ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार विकास के असल मुद्दों सड़क और पानी जैसी समस्याओं पर ध्यान न देकर लोगों को मूर्ख बनाने के लिए नाम बदल रही है.

वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत में महाराष्ट्र सरकार द्वारा बदले जा रहे नाम का बचाव करते हुए इसे ऐतिहासिक सुधार बताया.

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा में बताया कि पिछले कई वर्षों से लोगों द्वारा सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग की जा रही थी. जिसे राज्य सरकार इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर करने का फैसला किया है. और इसकी मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है.

केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही इस्लामपुर का नाम ईश्वर पर हो जाएगा.

वहीं एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि क्या नाम बदलने से शहर की समस्याएं खत्म हो जाएंगी? उन्होंने कहा जनता अब नाम बदलने से खुश नहीं है.

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