बिहार विधानसभा चुनाव के कुछ महीने बचे हैं और चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (S.I.R) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसकी जानकारी चुनाव आयोग ने ट्विटर के माध्यम से दी है. चुनाव आयोग के बूथ लेवल अधिकारी गांव-गांव जाकर मतदाताओं का सर्वे कर रहे हैं.

चुनाव आयोग ने ट्विटर के माध्यम से दी जानकारी में बताया कि, “बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना फार्म का वितरण जारी है. आइए अपना नाम, मतदाता सूची के जुड़वाए”

चुनाव आयोग का कहना है कि इसके द्वारा चुनाव में नए वोटरों को जोड़ने और फर्जी मतदाताओं को हटाने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि विशेष गहन पुनरीक्षण अंतिम बार 22 साल पहले 2003 में हुई थी.

वहीं विपक्ष लगातार इसकी आलोचना कर रहा है और इसका विरोध कर रहा है. 27 जून को I.N.D.I.A गठबंधन ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे. गहन पुनरीक्षण पर चिंता जाहिर की थी.

27 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा था कि चुनाव आयोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिसाब से मतदाताओं की छंटनी करना चाहता है. जिस कारण आयोग द्वारा बिहार चुनाव में युवा वोटरों से उनके पिता-माता की नागरिकता के प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है. उन्होंने चुनाव आयोग पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम उसकी मनमानी नहीं चलने देंगे.

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाया. खेड़ा ने चुनाव आयोग पर बिहार के लोगों के अधिकारों पर डाका डालने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, “बिहार के लोगों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले साजिशन मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है. इसमें घर-घर जाकर वोटरों को सत्यापित किया जाएगा और उनसे उनकी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा.”

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