लाखों भारतीयों मूल के लोगों ने अपनी मेहनत की बदौलत पूरी दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है. हाल के दिनों मे जोहरान मामदानी का नाम पूरी दुनिया में खूब चर्चा में है. जोहरान मामदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल की है. जोहरान मामदानी की जड़ें भारत के गुजरात से जुड़ी हैं.
33 वर्षीय जोहरान मामदानी न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर बन सकते हैं. वह न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर बनने की दौड़ में भी सबसे आगे हैं. चुनाव के अंतिम परिणाम 1 जुलाई को होने वाली रैंक चॉइस काउंटिंग के बाद तय होगा. लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उनकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है.
भारत से कनेक्शन
जोहरान मामदानी का जन्म युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था. मामदानी के माता-पिता भारतीय मूल के हैं. उनके पिता गुजरात के मुसलमान और माता पंजाबी हिंदू हैं. उनके पिता कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है. उनकी मां प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी फिल्म निर्माता है उन्होंने मानसून वेडिंग, द नेमसेक और मिसिसिपी मसाला जैसी बहुचर्चित फिल्म बनाई है. मामदानी ने 2014 में बोडाइन कॉलेज अफ्रीकन स्टडीज में स्नातक कर चुके हैं.
कैसे राजनीति में रखा कदम?
जोहरान मामदानी का राजनीति से दूर-दूर कोई नाता न होने कारण भी राजनीति में उनका सफर दिलचस्प रहा है. कॉलेज के बाद उन्होंने क्वींस में नीलामी से लोगों को बचाने के लिए सलाहकार के रूप में काम किया था. यहीं से उनकी राजनीति में दिलचस्पी बढ़ी थी. मामदानी लोकल हिप हॉप सीन का हिस्सा भी रह चुके हैं और उनका दादी को समर्पित गीत ‘नानी’ उनके मेयर कैंपेन में खूब लोकप्रियता बटोर रहा है.
विवादों से भी रहा है नाता
जोहरान मामदानी 2020 मैं न्यूयॉर्क असेंबली में चुने गए थे. मामदानी डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट विचारधारा से जुड़े हैं. इजरायल और फिलीस्तीन पर अपने रुख के कारण चर्चा और विवादों में रहे हैं. उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात का कसाई तक कहा दिया था जिसके कारण भी वह विवादों में रह चुके हैं. हाल में उन्हें पीएम मोदी से बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना करने के कारण भी विवादों में रहे.
सोशल मीडिया में खूब चर्चा
जोहरान मामदानी अपने चुनाव प्रचार के कैंपेन का वीडियो हिंदी में जारी किया है. जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर उनके नाम की खूब चर्चा है बहुत सारे लोगों की तारीफ कर रहे हैं तो बहुत सारे लोग आलोचना भी कर रहे हैं.
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने लिखा, “ज़ोहरान मामदानी ने डोनाल्ड ट्रम्प की नींद उड़ा दी है. वे उन्हें गालियां दे रहे हैं। उन्हें पागल, कम्युनिस्ट बता रहे हैं. कह रहे हैं कि मामदानी स्मार्ट नहीं हैं. मामदानी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार नामित हुए हैं. उनके चुने जाने की पूरी संभावना है. वे बेहद लोकप्रिय हैं.”
उन्होंने आगे लिखा, “ममदानी को डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट बताया जाता है. वे हेल्थकेयर, हाउसिंग आदि के पक्ष में खड़े हैं और ट्रंप द्वारा चलाए जा रहे प्रवासियों के अभियान के विरोध में हैं. उन्होंने मोदी की तुलना नेतन्याहू से की है. हो सकता है मोदी और उनके समर्थक इस तुलना से खुश हों मगर जो लोग समझते हैं. वे समझ गए होंगे कि वे क्या कह रहे हैं. उन्होंने गुजरात दंगों को नरसंहार कहा है. ये भी कहा है कि वे मोदी को न्यूयॉर्क में रैली नहीं करने देंगे.”
पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने लिखा, “ज़ोहरान ममदानी न्यूयॉर्क की जनता को रोटी,कपड़ा, मकान सस्ते किराने की बात समझाते हैं, न्यूयॉर्क समझता है. भारत में तो चुनाव का अभियान, वक़्त मंगलसूत्र की चोरी, गाय-भैंस और हिंदुओं को मुसलमानों का डर दिखाने में ही चला जाता है. यह चुनावी अभियान बताता है; प्यार,मोहब्बत और अमन से भी चुनाव लड़ा, जीता जा सकता है. ज़ोहरान ममदानी के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा बात होना, भारत के लोकतांत्रिक विमर्श के लिए भी ज़रूरी है.