बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे–वैसे बिहार में सभी पार्टी के नेताओं की सक्रियता भी तेजी बढ़ती जा रही है.  बीजेपी, राजद, जदयू और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिवान में एक जन सभा को संबोधित किया. वैसे तो यह जनसभा विकास परियोजनाओं का शिलान्यास के लिए की गई थी लेकिन यह किसी चुनावी रैली से कम नहीं है.

सिवान में पीएम मोदी ने 10 हजार करोड़ रुपए योजनाओं का शिलान्यास किया. इस चुनावी वर्ष में पीएम मोदी का पांचवा बिहार दौरान है. सीवान को लालू परिवार का गढ़ माना जाता है जो राजनीतिक लिहाज बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

सिवान में में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए डबल इंजन सरकार प्रतिबद्ध है. आज सिवान से हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण कर अत्यंत प्रसन्न हूं“

सिवान में मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “सिवान में जनता-जनार्दन का जोश और उत्साह बताता है कि बिहार के विकास को लेकर डबल इंजन सरकार में उनका विश्वास कितना गहरा है“

वहीं प्रधानमंत्री की सिवान जनसभा पर बिहार सरकार के कर्मचारियों को जबरदस्ती बुलाए जाने के आरोप लग रहे हैं. सोशल मीडिया पर कर्मचारियों के वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं जिसमें आंगनवाड़ी सेविकाएं बिहार सरकार पर पीएम मोदी की जनसभा में जबरदस्ती बुलाए जाने का आरोप लगा रही हैं.

कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक पत्रकार पीएम मोदी की रैली शामिल होने जा रही सेविकाओं से बात करता है. उस वीडियो में साफ देखा जा सकता है सेविकाएं पत्रकार से कहती हुई दिख रही उन्हें पीएम मोदी की रैली में शामिल होने के लिए दबाव डाला जा रहा है.  सहायिकाओं ने कहा, “आदेश मिला है कि सारी आंगनवाड़ी सेविकाएं आम पब्लिक बनके जाएंगी. हम ड्रेस कोड में नहीं जाएंगे. वहां जाकर बताना है कि गोपालगंज जिले से इतने लोग आए हैं. हमें सुबह 5 बजे बुलाया गया था. हम लोग बिना नाश्ता किए आए हैं.”

वहीं एक और सहायिका कहती हैं कि पब्लिक एकत्रित न होने के कारण हमें और पब्लिक की तरह दिखाने के लिए रैली में बुलाया गया है. हम लोगों को जबरदस्ती भेजा जा रहा है.

कांग्रेस ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के सीवान में रैली की. इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए आंगनवाड़ी सेविकाओं और अलग-अलग विभाग के सरकारी कर्मचारियों को बसों में भरकर रैली में लाया गया.
कर्मचारियों का कहना है- हम नरेंद्र मोदी की रैली में नहीं आना चाहते थे, हमें जबरदस्ती लाया गया.”

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दावा किया जा रहा है कि बिहार सरकार कर्मचारियों पर पीएम मोदी की रैली में शामिल होने का दबाव बना रही है. उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुआ लिखा “मोदी जी के झूठ और जुमलों को सुनने कोई नहीं जाना चाहता इसलिए 20 वर्षों की ज़ालिम NDA सरकार रेलवे स्टेशन, बस अड्डे तथा सरकारी कर्मचारियों को टारगेट पूरा करने के लिए डरा-धमका कर जबरदस्ती बसों में ठूंस-ठूंस के ला रही है.”

उन्होंने अंत में लिखा प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है.

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