12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त एयर बोइंग विमान के ब्लैक बॉक्स को नया अपडेट आया है. इकोनॉमिक्स टाइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्लैक बॉक्स की जांच के लिए अमेरिका भेजा जाएगा. एयर इंडिया विमान हादसे में 241 यात्रियों और जमीन पर मौजूद कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई थी
ET के रिपोर्ट के मुताबिक ब्लैक बॉक्स बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण भारत में इसका डेटा निकलना मुश्किल है. इसलिए इसको अमेरिका भेजने की तैयारी की जा रही है. इसकी जांच अमेरिका की डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) में की जाएगी. जिसके बाद दुर्घटना के असल कारणों का पता लग सकता है.
नियम यह कहते हैं कि विमान दुर्घटना जिस देश में हुई है वही देश इसकी जांच करता है. भारत विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की दिल्ली में प्रयोगशाला में है. AAIB इतना आधुनिक नहीं है कि ज्यादा क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डर से डाटा निकाला जा सके. अहमदाबाद में एक विवरण दुर्घटना में भारत का 53 ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए थे.
वही मीडिया में ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की जमकर आलोचना हो रही है. भाजपा समर्थक भी सरकार के इस फैसले पर सवाल पूछ रहे हैं.
पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई ने ब्लैक बॉक्स की जांच के लिए अमेरिका भेजे जाने पर तंज के लहजे में लिखा, “टेक्नोलॉजी..ब्लैक बॉक्स का एनालिसिस अमेरिका में होगा”
अक्सर बीजेपी के समर्थन में लिखने वाले ट्विटर यूजर अजीत भारती ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA India) को टैग करते हुए लिखा बोइंग विमान क्रैश का ब्लैक बॉक्स भी बोइंग के ही देश में खुलेगा! कितनी विचित्र बात है कि भारत के पास आग लगने के कारण हुई क्षति से डेटा निकालने की तकनीक ही नहीं है. मतलब, केवल पानी में क्रैश होने या ऐसे ही मन करे तो ब्लैक बॉक्स देखने की तकनीक है हमारे पास. ब्लैक बॉक्स सबसे अधिक आग के ही कारण क्षतिग्रस्त होता है और इनके पास कन्विनिएंटली वही तकनीक नहीं है. अमेरिकी कॉरपोरेट के हाथों सब बिके हुए हैं इनसे आशा करना बेकार है.
मिनी नायर नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण नहीं कर सकता?”
सिद्धार्थ नाम के एक ट्विटर यूजर ने इसे शर्मनाक बताते हुए लिखा, “इंडोनेशिया और इथियोपिया जैसे देशों ने बोइंग क्रैश के बाद ब्लैक बॉक्स डेटा को जल्दी और पारदर्शी तरीके से डिकोड किया लेकिन भारत को 2025 में इसे अमेरिका को भेजना होगा क्योंकि हमारे पास अभी भी उपकरण नहीं हैं. कितनी शर्म की बात है!
अमित मिश्रा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “Air India crash के black box को अब अमेरिका भेजा जाएगा क्योंकि भारत में डेटा रिकवरी के संसाधन नहीं हैं! हम अपने ही विमानों के black box से डेटा निकालने के लिए अमेरिका पर निर्भर हैं? 2025 में भी “आत्मनिर्भर भारत” सिर्फ नारे तक सीमित है? सरकार बताए. करोड़ों का बजट कहाँ गया?”