उत्तर प्रदेश की में स्वास्थ्य व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में सब ठीक होने के दावे करती रहती है. वहीं उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक सरकारी अस्पताल से ऐसी लापरवाही सामने आई जिसने योगी सरकार के दावों की पोल खोल दी. इस लापरवाही की वजह से एक युवक की तड़प-तड़प कर मौत हो गई.
दरअसल यूपी के बिजनौर में शुक्रवार को जिला अस्पताल में डायलिसिस के दौरान बिजली चले जाने और जनरेटर न चलने से एक 26 वर्षीय मरीज की मौत हो गई. मरीज का नाम सरफराज था जो कि नहटौर थाना के फुलसंदा ग्राम का रहने वाला था. मरीज की मौत के बाद काफी हंगामा हुआ. परिजनों का आरोप है कि मरीज भर्ती के समय ठीक था.
मरीज के परिवार के लोगों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उनसे बाहर से दवाएं और इंजेक्शन मंगवाया. वहीं लाइट जाने के बाद अस्पताल में के जनरेटर में तेल नहीं था. जिस कारण मरीज का डायलिसिस बीच में ही रोकना पड़ा. जिससे मरीज की मौत हो गई.
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस सहित तमाम पार्टियों ने योगी सरकार की जमकर आलोचना की .
इस घटना पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा, “इधर-उधर की राजनीति छोड़कर अपने मंत्रालय पर ध्यान दें. और कुछ नहीं कहना, समाचार ख़ुद ही सब कह रहा है.“
कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत सरकार की आलोचना करते हुए इसे मौत नहीं हत्या बताया. उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश में बिजनौर के जिला अस्पताल में सरफराज़ नाम के एक मरीज़ का डायलिसिस हो रहा था. बिजली चली गई, जनरेटर में डीजल नहीं था. मरीज़ की तड़प तड़प के मौत हो गई. असल में यह मौत नहीं हत्या है तो इस हत्या का ज़िम्मेदार कौन है? हम दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था हैं! लानत है.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इसे हत्या बताते हुए लिखा, “बिजनौर के ज़िला अस्पताल में सरफ़राज़ नाम के एक युवा मरीज़ की डायलिसिस हो रही थी, बीच में बिजली चली गई, मॉं डॉक्टरों के सामने जेनरेटर चलाने के लिये गिड़गिड़ाती रही लेकिन जनरेटर नहीं चलाया गया और मरीज़ की तड़प तड़प कर मौत हो गई. दरअसल ये सीधे सीधे हत्या है, भ्रष्ट और लापरवाह अस्पताल प्रशासन ने एक युवा को तड़पा तड़पा कर मार दिया. यूपी से अनुरोध है ज़िम्मेदारों पर हत्या का मुक़दमा दर्ज कराएं.
इस पूरे घटनाक्रम पर यूपी AAP ने लिखा, “माँ चिल्लाती रही…जनरेटर चला दो, मर जाएगा मेरा लाल” बिजनौर में बिजली चली गई जनरेटर में डीजल नहीं था और डायलिसिस के दौरान एक युवक की मौत हो गई. आज जिला महासचिव जितेन्द्र चौहान जी के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार के घर जाकर परिजनों से मुलाकात किया. आम आदमी पार्टी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव संघर्षरत है.
पत्रकार प्रभाकर कुमार मिश्रा ने लिखा, “26 साल का सरफ़राज़ डायलिसिस कराने अस्पताल गया था. डायलिसिस चल ही रही थी कि हॉस्पिटल में बिजली चली गई.कुछ खून मशीन में ही रह गया. जनरेटर में डीज़ल नहीं था. माँ गिड़गिड़ाती रही बेटे को कुछ हो जाएगा. लेकिन सिस्टम सुनता तब ना…सरफ़राज़ मर गया. किसे सज़ा मिलेगी? सिस्टम को या उस मां को?”
पत्रकार कृष्णकांत ने सरकार की आलोचना करते हुए लिखा, “दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था में आपकी क्या औकात है? बिजनौर के जिला अस्पताल में सरफराज नाम के एक युवक की डायलिसिस चल रही थी. इसी बीच बिजली चली गई. मशीन बंद हो गई. अस्पताल के जनरेटर में डीजल नहीं था. पूरा खून शरीर में नहीं जा पाया. कुछ मशीन में ही रह गया. मां हाथ जोड़ती रही, गिड़गिड़ाती रही। सरफराज की तड़प तड़प कर मौत हो गई. जैसा कि न्यू इंडिया का कायदा है, किसी की कोई जवाबदेही नहीं होगी, किसी पर कार्रवाई नहीं होगी. आज सरफराज था, कल हम या आप होंगे.”